बिहार: अनंत सिंह को मोकामा फायरिंग केस में मिली जमानत, बेऊर जेल से हुई रिहाई
बिहार के बाहुबली और पूर्व विधायक अनंत सिंह को मोकामा गोलीकांड मामले में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बेऊर जेल से रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मोकामा से जदयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
मोकामा गोलीकांड में अनंत सिंह को मिली जमानत, बेऊर जेल से आए बाहर
बिहार: बाहुबली नेता और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद, उन्हें बुधवार, 6 अगस्त को पटना के बेऊर जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई की खबर मिलते ही जेल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने नारेबाजी और फूल-मालाओं के साथ उनका स्वागत किया।
मोकामा गोलीकांड मामले में गए थे जेल
यह मामला 22 जनवरी 2025 को मोकामा के नौरंगा इलाके में हुई गोलीबारी से जुड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनू-मोनू गैंग के सदस्यों ने अनंत सिंह के काफिले पर फायरिंग की थी, जिसमें सिंह बाल-बाल बचे थे। इसके बाद उनके समर्थकों द्वारा भी जवाबी गोलीबारी की गई थी। घटना के बाद पुलिस ने हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया था। जिसके बाद अनंत सिंह ने 24 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया था।
गौरतलब है कि इसी मामले में फरवरी 2025 में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी, लेकिन अब हाईकोर्ट से राहत मिल गई है और जेल से भी बाहर गए।
2025 विधाससभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया
जेल से बाहर आते ही अनंत सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। उन्हों यह भी साफ कर दिया है कि वह नीतीश कुमार की पार्टी (JDU) से उम्मीदवार होंगे। सिंह ने यह भी साफ कर दिया कि वह मोकामा विधानसभा सीट से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे।
अनंत सिंह का विवादों से पूराना नाता
58 वर्षीय अनंत सिंह बिहार की राजनीति में एक चर्चित और विवादास्पद चेहरा रहे हैं। मोकामा सीट से कई बार विधायक रह चुके सिंह ने कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष- दोनों पर तीखे हमले किए हैं। साल 2018 में उनके पैतृक आवास से AK-47 राइफल, हैंड ग्रेनेड और भारी मात्रा में कारतूस बरामद होने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था। इसके चलते 2020 में उनकी विधानसभा सदस्यता तक रद्द कर दी गई थी।
हालांकि, अगस्त 2024 में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें इन आरोपों से बरी करते हुए तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। इसके बाद से ही उनके समर्थक लगातार उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी की मांग कर रहे थे।