Kitchen Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई में न करें ये गलतियां, वरना बढ़ सकती हैं परेशानियां
Kitchen Vastu Tips: रसोई में की गई कुछ आम गलतियां आपके जीवन में ला सकती हैं वास्तु दोष। जानिए किन चीजों को रसोई में उल्टा रखने से बचें और गैस स्टोव की सही दिशा क्या होनी चाहिए।
Kitchen Vastu Tips: रसोई घर न सिर्फ भोजन पकाने की जगह होती है, बल्कि यह देवी अन्नपूर्णा का वास स्थल भी मानी जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन में कुछ वस्तुओं को उल्टा या गलत तरीके से रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है और घर में क्लेश या आर्थिक संकट जैसे प्रभाव दिखाई दे सकते हैं। आइए जानते हैं रसोई से जुड़ी जरूरी वास्तु सावधानियां।
कभी उल्टा न रखें कढ़ाई
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कढ़ाई को राहु का प्रतीक माना गया है। इसे रसोई में उल्टा रखने से मानसिक तनाव, कलह और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसलिए उपयोग के बाद कढ़ाई को सही तरीके से ही रखें।
छुरी-कांटे उल्टा रखना बन सकता है अशुभ
धारदार वस्तुएं जैसे छुरी, कैंची या कांटे अगर उल्टे रखें जाएं तो वे नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। इससे घर में झगड़े, मतभेद और गुस्से की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
गैस स्टोव की सही दिशा
रसोई में अग्नि तत्व से जुड़ी चीजों को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। गैस स्टोव या चूल्हा इसी दिशा में हो, ताकि स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता बनी रहे। उत्तर या पश्चिम दिशा में चूल्हा रखने से नुकसान की संभावना बढ़ती है।
रसोई में बैठकर भोजन करना क्यों गलत है
वास्तु के अनुसार, किचन में बैठकर भोजन करना देवी लक्ष्मी के अपमान के समान होता है। इससे धन की हानि और दरिद्रता का प्रवेश हो सकता है।
बाथरूम और रसोई का आमना-सामना
यदि किचन के सामने बाथरूम बना हो, तो यह गंभीर वास्तु दोष माना जाता है। इससे परिवार के सदस्यों की सेहत और संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
टपकता नल ला सकता है धन हानि
रसोई में अगर नल से पानी लगातार टपकता है, तो यह आर्थिक हानि और लगातार खर्च की स्थिति को दर्शाता है। ऐसे नलों को तुरंत ठीक कराना चाहिए।
रसोई घर में वास्तु के नियमों का पालन करना न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है, बल्कि पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि का कारण भी बनता है। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप बड़े संकटों से बच सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।