Tulsi Puja Niyam: भूलकर भी इन लोगों को नहीं करना चाहिए तुलसी पूजा?, जानें वजह

Tulsi Puja Niyam: तुलसी पूजा के नियम और परंपराएं जानें। जानिए कौन से लोग नहीं कर सकते तुलसी की पूजा और क्यों इसे शास्त्रों में वर्जित माना गया है।

Updated On 2025-08-31 08:20:00 IST

तुलसी

Tulsi Puja Niyam: तुलसी पूजा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय और आशीर्वाद देने वाली देवी माना जाता है। यह पौधा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से, बल्कि स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिहाज से भी अत्यधिक महत्व रखता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार, तुलसी के पौधे की पूजा से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है, और घरवालों को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हालांकि तुलसी पूजा के कई लाभ हैं, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना भी आवश्यक है। शास्त्रों में उल्लेख है कि कुछ विशेष वर्ग के लोग तुलसी पूजा नहीं कर सकते, क्योंकि इसके पीछे की धार्मिक वजह भी है।

किन लोगों के लिए तुलसी पूजा वर्जित है?

शराब, मांसाहार और तामसिक भोजन करने वाले लोग

जिन घरों में शराब, मांसाहार, लहसुन, प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन किया जाता है, वहां तुलसी पूजा का कोई लाभ नहीं माना जाता। तुलसी एक अत्यंत सात्विक पौधा है, और तामसिक आचरण वाले घरों में माता लक्ष्मी का वास नहीं होता। इससे घर में दरिद्रता और कलह बढ़ने की संभावना होती है। इसलिए तामसिक आहार वाले लोग तुलसी पूजा से बचें।

जो लोग स्नान नहीं करते

तुलसी पूजा के लिए शुद्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है। शास्त्रों में कहा गया है कि बिना स्नान किए तुलसी की पूजा वर्जित है। जो लोग नियमित रूप से स्नान नहीं करते या स्नान करने में आलस्य करते हैं, उन्हें तुलसी पूजा के दौरान जल अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पूजा का पुण्यफल नहीं मिलता बल्कि दोष लग सकता है।

तुलसी को सिर्फ सजावट के रूप में रखने वाले लोग

कई लोग घर में तुलसी का पौधा तो रखते हैं, लेकिन उसकी पूजा नहीं करते। अगर तुलसी का पौधा घर में स्थापित किया है तो उसकी पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। बिना पूजा के तुलसी का पौधा घर में रखना शास्त्रों के अनुसार दोषपूर्ण माना जाता है और यह घर की शांति और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

कर्ज और अशुद्ध आचरण वाले लोग

जो लोग अपने आचरण में शुद्धता नहीं रखते, झूठ बोलते हैं, छल-कपट करते हैं या अनैतिक कार्यों में संलिप्त होते हैं, उन्हें तुलसी पूजा से बचना चाहिए। तुलसी पूजा में पवित्रता और अच्छे आचरण की आवश्यकता मानी जाती है। अगर व्यक्ति का मन अशुद्ध हो, तो उसकी पूजा का कोई लाभ नहीं मिलता।

तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए?

हिंदू परंपरा के अनुसार, तुलसी का पौधा लगाने के लिए गुरुवार और शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इन दिनों में तुलसी का रोपण करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यही कारण है कि कई लोग इन विशेष दिनों में तुलसी पौधा लगाने को प्राथमिकता देते हैं।

इन दिनों तुलसी के पत्ते न तोड़ें

धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी तिथि, सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इन विशेष समयों में तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए उपवास रखती हैं। इसलिए इन अवसरों पर तुलसी की पत्तियां तोड़ना अशुभ माना जाता है।

तुलसी पूजा का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्थाओं को बल देना है, बल्कि यह घर में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने का एक सशक्त उपाय है। शास्त्रों के अनुसार, तुलसी की पूजा का विशेष फल तभी प्राप्त होता है जब इसे सही तरीके से किया जाए। इसलिए तुलसी पूजा से संबंधित इन नियमों और परंपराओं का पालन करना न केवल पुण्य का कारण बनता है, बल्कि जीवन में शांति और आशीर्वाद भी लाता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार


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