Dwadash Yog: आज 7 जून को शुक्र-शनि बना रहे दुर्लभ योग, 4 राशियों की पलटेगी किस्मत; बरसेगा पैसा!
आज 7 जून 2025 (शनिवार) को शुक्र और शनि एक-दूसरे से महज 30 डिग्री पर रहकर 'द्विद्वादश योग' का निर्माण कर रहे हैं। द्विद्वादश योग के शुभ प्रभाव से चुनिंदा 4 राशियां लाभान्वित होंगी। चलिए जानते है उनके बारे में-
Shukra Shani Dwadash Yog Impact on Zodiac Sign: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को भोग-विलास कारक और शनि को कर्मफलदाता कहा गया है। जब भी दोनों ग्रह की स्थिति में कुछ भी बदलाव होता है तो उसका सीधा असर राशिचक्र पर पड़ता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आज 7 जून 2025 (शनिवार) को शुक्र और शनि एक-दूसरे से महज 30 डिग्री पर रहकर 'द्विद्वादश योग' का निर्माण कर रहे हैं। यह विशेष कोणीय योग उस समय बनता है, जब एक ग्रह कुंडली के दूसरे भाव में और दूसरा ग्रह 12वें भाव में स्थित रहें। द्विद्वादश योग के शुभ प्रभाव से चुनिंदा 4 राशियां लाभान्वित होंगी। चलिए जानते है उनके बारे में-
मेष राशि -
द्विद्वादश योग के शुभ प्रभाव से मेष राशि के जातक लाभान्वित होने जा रहे हैं। इन जातकों के लिए कारोबार में आर्थिक तरक्की का योग है। इन्हें निवेश के अच्छे अवसर मिलेंगे। आर्थिक स्थिति में मजबूत परिवर्तन देखने को मिलेगा। जीवन में सुख और शांति को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्षेत्र में मन की इच्छाएं पूरी होंगी।
कन्या राशि -
शुक्र और शनि की स्थिति से बना द्विद्वादश योग कन्या राशि वालों के लिए लाभकारी रहेगा। इन जातकों के जीवन में चल रही तमाम बड़ी परेशानियों का अंत होगा। लंबे समय से रुके हुए कार्य भी शीघ्रता से पूरे होने लगेंगे। पारिवारिक रिश्तों में चल रही खटास भी दूर होने की संभावना है। लव लाइफ अच्छी रहेगी।
तुला राशि -
शुक्रदेव तुला राशि के स्वामी ग्रह है। ऐसे में इन जातकों के लिए शुक्र और शनि की स्थिति से बना द्विद्वादश योग फलदायी रहने वाला है। कारोबार-नौकरी में आर्थिक समृद्धि की संभावना बन रही है। आर्थिक और मानसिक संतुलन की प्राप्ति होगी। प्रेम जीवन में गहराई बढ़ेगी और रिश्ते मजबूत होंगे।
कुंभ राशि -
द्विद्वादश योग के शुभ प्रभाव से कुंभ जातकों के जीवन में खुशियों की बरसात होने वाली है। न सिर्फ नौकरी में बल्कि कारोबार में भी आर्थिक तरक्की मिल सकती है। व्यक्तिगत जीवन में एक के बाद एक सफलताएं हासिल कर सकते है। कारोबार में नई लाभकारी डील्स मिलने की संभावना बन रही है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।