Shatank Yog 2025: शनि-गुरु का शतांक योग, इन 3 राशियों का चमकेगा भाग्य
Shatank Yog 2025: 31 जुलाई 2025 को बन रहे शनि-गुरु के शतांक योग से वृषभ, मकर और कुंभ राशि के जातकों को मिलेगा आर्थिक लाभ, सफलता और पद-प्रतिष्ठा।
Shatank Yog 2025: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की युति जब विशिष्ट कोण पर होती है, तो उसका प्रभाव जीवन के हर पहलुओं में देखने को मिलता है। 31 जुलाई 2025 की रात 10:09 बजे एक विशेष खगोलीय घटना घटने जा रही है। जिसकी वजह से शनि और गुरु ग्रह के बीच 100 डिग्री का कोण बनने से 'शतांक योग' का निर्माण होगा। शनि ग्रह इस समय मीन राशि में वक्री अवस्था में है, और गुरु (बृहस्पति) के साथ यह योग बनाकर कई राशियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज के अनुसार वृषभ, मकर और कुंभ राशि के जातकों को इस योग का अत्यंत शुभ फल मिलने की संभावना है।
वृषभ राशि (Taurus)
वृषभ राशि के जातकों के लिए यह योग बेहद शुभ रहेगा। शनि का वक्री होना और गुरु का धन भाव में स्थित होना आर्थिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है। लंबे समय से अटके कामों में अब प्रगति होगी और रुके हुए पैसे मिलने के योग बनेंगे।
सामाजिक जीवन में प्रभाव बढ़ेगा, और वाणी की मधुरता से आप दूसरों पर सकारात्मक प्रभाव डाल पाएंगे।
निवेश के लिए यह समय अनुकूल है। विद्यार्थी वर्ग को भी पढ़ाई में सफलता मिलने के प्रबल संकेत हैं, विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं में।
मकर राशि (Capricorn)
मकर राशि के लिए शनि-गुरु का यह शतांक योग जीवन में स्थायित्व और प्रगति लाएगा। कार्यस्थल पर आपकी जिम्मेदारियों में इज़ाफा हो सकता है और वरिष्ठ अधिकारी आपके कार्यों से प्रसन्न रहेंगे।
यदि कोई व्यापारिक योजना रुकी हुई है, तो अब वह साकार हो सकती है। विदेश यात्रा या व्यापार विस्तार के लिए भी समय शुभ है।
पारिवारिक संबंधों में मधुरता आएगी और घर का वातावरण सुखद रहेगा। संतान पक्ष से अच्छी खबर मिल सकती है।
कुंभ राशि (Aquarius)
कुंभ राशि के जातकों के लिए यह समय विशेष उपलब्धियों वाला हो सकता है। शनि की साढ़े साती के अंतिम चरण में गुरु का साथ मिलना, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और अवसर लेकर आएगा।
धन आगमन के नए स्रोत बन सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन या नई जॉब का प्रस्ताव मिल सकता है, विशेष रूप से विदेश से जुड़ी संभावनाएं प्रबल हैं।
पैतृक संपत्ति से लाभ और सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि के योग भी बन रहे हैं। इस अवधि में की गई मेहनत का फल निश्चित रूप से मिलेगा।
क्या है शतांक योग का महत्व?
शतांक योग तब बनता है जब दो ग्रह 100 डिग्री के कोण पर एक-दूसरे से स्थित होते हैं। यह कोण सामंजस्य और सहयोग का प्रतीक माना जाता है, जिससे जुड़ी राशियों के लिए उन्नति, सौभाग्य और नए अवसरों के द्वार खुलते हैं।
विशेष रूप से जब यह योग धीमी गति के शनि और ज्ञान के कारक गुरु के बीच बने, तो इसका प्रभाव दीर्घकालिक और गहरा होता है।
उपाय और सावधानियां
इस समय साधना, ध्यान और गुरु-संबंधित सेवा करना अत्यंत शुभ रहेगा।
शनि के वक्री प्रभाव को शांत करने के लिए शनि स्तोत्र या महामृत्युंजय जाप करें।
पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना और जरूरतमंदों को काले तिल दान देना लाभकारी हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार