Sawan Shivratri 2025: बेलपत्र चढ़ाते समय करें इस विशेष मंत्र का जाप, मिलेगी शिव कृपा

Sawan Shivratri 2025 पर शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण करते समय इस पवित्र मंत्र का जप करें। जानें पूजन विधि, नियम और शुभ फल प्राप्त करने का तरीका।

Updated On 2025-07-22 20:50:00 IST

Sawan Shivratri 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार 23 जुलाई 2025, बुधवार को पूरे देशभर में सावन शिवरात्रि का पर्व आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस विशेष अवसर पर व्रत, रात्रि जागरण और शिवलिंग का जल व पंचामृत से अभिषेक करने की परंपरा है। साथ ही भक्तगण बेलपत्र, जो कि भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, अर्पित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ बेलपत्र चढ़ाना ही नहीं, बल्कि एक विशेष मंत्र का उच्चारण भी भगवान शिव की कृपा पाने में अत्यंत प्रभावशाली होता है? इस मंत्र का जाप बेलपत्र अर्पित करते समय करना चाहिए। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम महाराज से सावन शिवरात्रि के बारे में।

बेलपत्र अर्पण का मंत्र और उसका महत्व

मंत्र

"त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्।

त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥"

भावार्थ

यह बेलपत्र तीन पत्तियों वाला है, जो त्रिगुणों से युक्त है, भगवान शिव के त्रिनेत्र और त्रिशूल का प्रतीक है। यह तीन जन्मों के पापों को नष्ट करने की शक्ति रखता है। मैं इस पवित्र बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित करता हूं।

इस मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि का संचार होता है।

बेलपत्र चढ़ाने के नियम (Shivling Par Belpatra Chadane Ke Niyam)

स्वच्छ जल से धोएं: बेलपत्र को अर्पित करने से पहले उसे शुद्ध जल से धोना आवश्यक है।

खंडित न हो: पत्ता टूटा, सूखा या छिद्रयुक्त नहीं होना चाहिए।

डंठल की दिशा: बेलपत्र को इस प्रकार चढ़ाएं कि उसकी चिकनी सतह शिवलिंग से स्पर्श करे और डंठल आपकी ओर हो।

संख्या में अर्पण: हमेशा 3, 5, 7 या 11 की संख्या में बेलपत्र अर्पित करना शुभ माना गया है।

मंत्र न याद हो तो... आप 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप अवश्य करें।

क्यों खास है सावन शिवरात्रि?

सावन मास में आने वाली शिवरात्रि को प्रदोष, तांडव और शिव तत्त्व की विशेष ऊर्जा से जोड़ा जाता है। इस दिन बेलपत्र, जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करने से अशुभ ग्रह दोष शांत होते हैं, और साधक को मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग प्रशस्त होता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

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