सावन का अंतिम सोमवार: बन रहे हैं कई शुभ योग, जानिए पूजा विधि और महत्व
Sawan Somwar: सावन के अंतिम सोमवार 4 अगस्त 2025 को बन रहे हैं ऐन्द्र, रवि, ब्रह्म और सर्वार्थसिद्धि योग। जानें शिव पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र जाप का महत्व।
Sawan Somwar: सावन सोमवार भगवान शिव की उपासना और पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 4 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार है। इस सोमवार को एक साथ कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जो भक्तों के लिए अत्यधिक फलदायक माना गया है। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से शुभ योग, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
इन शुभ योगों में होगा पूजन
हिंदू पंचांग के अनुसार, 4 अगस्त की सुबह 07:04 बजे से 09:12 बजे तक ऐन्द्र योग, रवि योग, ब्रह्म योग और सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ये चारों योग शिव भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माने गए हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि-चंद्र (विष योग) या शनि-मंगल (विस्फोटक योग) है, तो वह भी इस दिन विशेष पूजा-पाठ और मंत्र जाप करके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।
शुभ योग में करें ये धार्मिक कार्य
मंदिर या घर के प्रवेश द्वार पर दीपक प्रज्वलित करें
भगवान शिव को खीर का भोग अर्पित करें
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें (कम से कम 108 बार)
संध्या काल में भगवान शिव और मां पार्वती की संयुक्त पूजा करें
कैसे करें शिव आराधना?
स्नान और स्वच्छता: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
पूजन सामग्री: भगवान शिव को बेलपत्र, चंदन, सफेद फूल, सफेद वस्त्र और अक्षत अर्पित करें।
धूप-दीप और मंत्र जाप: दीपक जलाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें (कम से कम एक माला यानी 108 बार)।
आरती और प्रसाद: पूजा समाप्ति के बाद शिव आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
इस दिन शिव पूजन के साथ व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। उपवास रखकर दिनभर सात्विक आहार लें और मानसिक शांति के लिए ध्यान करें। यदि संभव हो तो शिव मंदिर जाकर रुद्राभिषेक करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार