Sawan 2025: सावन में भोलनाथ के साथ ही इन भगवान की करें पूजा, मिलेगा दोगुना पुण्य; जानें नियम

सावन में श्रीरामचरितमानस पाठ से भगवान शिव और राम दोनों प्रसन्न होते हैं। जानिए पाठ की विधि और इसका धार्मिक महत्व, रामेश्वरम से जुड़ी कथा।

Updated On 2025-07-08 09:21:00 IST

Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस पावन मास में भगवान भोलेनाथ के साथ ही राम की पूजा भी विशेष फलदायी मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में श्रीरामचरितमानस का पाठ न केवल श्रीराम को प्रसन्न करता है, बल्कि भगवान शिव भी इस पाठ से अत्यंत संतुष्ट होते हैं।

राम और शिव की संयुक्त पूजा का महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान राम और भगवान शिव की उपासना एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। रामेश्वरम धाम इसका सर्वोत्तम उदाहरण है, जहां भगवान राम ने स्वयं शिवलिंग की स्थापना कर जलाभिषेक किया था। इसीलिए कहा जाता है कि राम बिना शिव अधूरे हैं, और शिव बिना राम।

श्रीरामचरितमानस पाठ का महत्व

सावन के महीने में श्रीरामचरितमानस का नियमित पाठ करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मानसिक शुद्धता आती है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति संकल्प लेकर 30 दिनों तक नियमित रूप से श्रीरामचरितमानस या वाल्मीकि रामायण का पाठ करता है, उसे भगवान शिव और श्रीराम दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

कैसे करें पाठ?

पहले दिन सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और पाठ का संकल्प लें।

एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर प्रतिदिन कम से कम 1–2 घंटे पाठ करें।

पाठ की शुरुआत भगवान गणेश, शिव, माता पार्वती और श्रीराम के नाम से करें।

पाठ पूर्ण होने के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

दक्षिण भारत में परंपरा

दक्षिण भारत में सावन मास में वाल्मीकि रामायण का सामूहिक पाठ बड़ी श्रद्धा से किया जाता है। लोग इसे विशेष पूजा का अंग मानते हैं और उपवास रखते हुए पाठ करते हैं।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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