Sarva Pitru Amavasya 2025: पितरों को प्रसन्न करने और लक्ष्मी कृपा पाने के लिए कहां-कहां जलाएं दीपक, जानें सही नियम

सर्व पितृ अमावस्या 2025 पर पितरों और लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए दीपक कहां-कहां जलाएं? जानें पूजा विधि, दीपदान का महत्व और शुभ मंत्र। 21 सितंबर को ऐसे करें पितृ पूजन।

Updated On 2025-09-19 08:40:00 IST

Sarva Pitru Amavasya 2025: इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या रविवार, 21 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है और इसे अत्यंत विशेष व पुण्यकारी माना जाता है। जिन जातकों को अपने पितरों की तिथि ज्ञात नहीं होती, वे इसी दिन सर्व पितृ श्राद्ध और तर्पण करके सभी ज्ञात-अज्ञात पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

वेद-पुराणों के अनुसार, इस दिन केवल तर्पण और पिंडदान ही नहीं, बल्कि विशेष स्थानों पर दीप जलाने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं कि सर्व पितृ अमावस्या पर दीपक कहां-कहां जलाना शुभ माना गया है और उसका धार्मिक महत्व क्या है।

पितरों को प्रसन्न करने के लिए दीपदान कहां करें

जल स्रोत के पास चौमुखी दीपक

संध्या समय, जब सूर्य अस्त होने लगे, तब किसी सरोवर, नदी या तालाब के किनारे दक्षिण दिशा की ओर मुख करके सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाकर उसे जल में प्रवाहित करें।

मान्यता: ऐसा करने से पितरों की आत्मा को मार्गदर्शन मिलता है और वे अपने लोक शांतिपूर्वक लौटते हैं। साथ ही, वंशजों को सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

पीपल वृक्ष के नीचे दीपक और मंत्र जाप

यदि किसी कारणवश आप श्राद्ध नहीं कर सके हैं, तो पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें। “ॐ पितृगणाय विद्महे, जगत् धारिणी धीमहि। तन्नो पितृ प्रचोदयात्॥”

मान्यता: इससे पितृ दोष शांत होता है, पितर संतुष्ट होते हैं और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपक कहां जलाएं

तुलसी के पास दीपक

संध्याकाल में तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

मान्यता: इससे मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है। आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन की वृद्धि होती है।

मुख्य द्वार पर दीपक की जोड़ी

प्रदोष काल (सूर्यास्त के लगभग 40 मिनट बाद) में, अपने घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर घी का दीपक और दाहिनी ओर तेल का दीपक जलाएं।

मान्यता: यह दीप संयोजन घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है। इससे लक्ष्मी जी का वास होता है और धन-संपदा में वृद्धि होती है।

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में दीपक

घर के ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में गाय के घी का दीपक जलाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

मान्यता: यह उपाय अन्न और धन के भंडार को भरपूर बनाए रखता है। इससे घर में दरिद्रता दूर होती है और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

क्या न करें इस दिन?

  • तामसिक भोजन (मांस, मदिरा) से बचें
  • किसी की निंदा या अपमान न करें
  • काले रंग के कपड़े पहनने से परहेज़ करें
  • घर में कलह या ऊंची आवाज़ में विवाद से बचें

सर्व पितृ अमावस्या आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यह केवल पूर्वजों को श्रद्धा देने का अवसर नहीं, बल्कि धार्मिक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति का विशेष योग भी है। इस दिन विधिपूर्वक तर्पण, दीपदान और मंत्र जाप करके न केवल पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है, बल्कि अपने जीवन में सुख, शांति और लक्ष्मी की स्थायी कृपा भी पाई जा सकती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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