Raksha Bandhan 2025: राखी बांधने से पहले क्या करें?, जानिए विधि और सही नियम

Raksha Bandhan: रक्षाबंधन 2025 पर राखी बांधने से पहले करें ये जरूरी तैयारी। जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नियम और मंत्र। भाई-बहन का पर्व बनाएं और भी खास।

Updated On 2025-09-03 00:10:00 IST

Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के रिश्ते को स्नेह, समर्पण और सुरक्षा के सूत्र में बांधने वाला पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जा रहा है। इस दिन सुबह 5:47 बजे से ही राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राखी बांधने से पहले कुछ धार्मिक परंपराओं और नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है?

रक्षाबंधन केवल राखी बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक विशिष्ट पूजा विधि और आध्यात्मिक महत्व जुड़ा होता है। आइए जानते हैं भाई को राखी बांधने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

राखी बांधने से पहले करें ये तैयारी

पूजा की थाली सजाएं

राखी बांधने से पहले एक पूजा थाली में राखी, रोली, अक्षत (चावल), दीपक और मिठाई रखें। ये सभी चीजें धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होती हैं।

भगवान को अर्पित करें पहली राखी

सबसे पहले यह पूजा थाली भगवान को समर्पित करें। भगवान गणेश को पहली राखी चढ़ाना शुभ माना जाता है, क्योंकि वे विघ्नों का नाश करते हैं। साथ ही भगवान शिव, श्रीकृष्ण और अपने कुल देवता को भी राखी अर्पित करें।

स्वच्छता का ध्यान रखें

भाई को एक स्वच्छ और शांत स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठाएं। बहन और भाई दोनों को सिर ढककर पूजा में शामिल होना चाहिए।

तिलक और अक्षत लगाना न भूलें

राखी बांधने से पहले भाई के माथे पर रोली और चावल से तिलक करें। इससे पहले पूजा का प्रारंभ होता है।

राखी बांधते समय तीन गांठ लगाएं

माना जाता है कि राखी बांधते समय तीन गांठ लगाने से रिश्ते में मजबूती और सुरक्षा का भाव बना रहता है।

भाई रखें दक्षिणा या चावल हाथ में

राखी बंधवाते समय भाई को अपने हाथ में दक्षिणा (कुछ धनराशि) या चावल रखना चाहिए। इसे मुट्ठी में बंद करके रखें और राखी बंधवाएं।

आरती और मिठाई

राखी बांधने के बाद बहन भाई की आरती उतारे और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करे। इसके बाद भाई बहन को आशीर्वाद और उपहार दे।

राखी बांधने से पहले भोजन नहीं करें

रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने से पहले कुछ भी खाना वर्जित माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बहन और भाई दोनों को पूजा पूर्ण होने तक उपवास रखना चाहिए। राखी बांधने और पूजा संपन्न होने के बाद ही भोजन किया जाता है।

राखी बांधते समय पढ़ें ये शुभ मंत्र

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

इस मंत्र के साथ राखी बांधने से भाई को बल, बुद्धि और संकटों से रक्षा का आशीर्वाद मिलता है।

दान-पुण्य का महत्व

रक्षाबंधन के दिन केवल भाई-बहन ही नहीं, बल्कि समाज के प्रति भी कर्तव्य निभाना जरूरी है। इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन या धन का दान करना बेहद पुण्यदायी माना गया है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

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