Pradosh Vrat 2025: अगर आप भी रखते हैं प्रदोष व्रत, तो जानें ये जरूरी नियम; भगवान भोलेनाथ की बरसेगी कृपा

अगर आप प्रदोष व्रत रखते हैं तो भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है। यहां जानें प्रदोष व्रत से जुड़ी बातें, जो आपको जरूर जानना चाहिए।

Updated On 2025-06-07 19:46:00 IST

Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व है, जो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसे त्रयोदशी व्रत भी कहते हैं। यह महीने में दो बार मनाया जाता है। मान्यता है कि यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। अगर आप इस दिन का व्रत करते हैं तो भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है। यहां जानें प्रदोष व्रत से जुड़ी बातें, जो आपको जरूर जानना चाहिए।

प्रदोष व्रत का ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी कि रविवार, 8 जून को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। ऐसे में अगर आप पहली बार रखने जा रहे हैं या पहले से रख रहे हैं तो आपको इन बातों की जानकारी जरूर होनी चाहिए। यहां जानें प्रदोष व्रत के दिन क्या करें, क्या खाएं और कब से शुरुआत करें।

प्रदोष व्रत की शुरुआत कैसे करें?

  • अगर आप प्रदोष व्रत रखने जा रहे हैं तो सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और वस्त्र धारण करें।
  • भगवान भोलेनाथ का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • घर पर ही पूजा स्थल की साफ-सफाई कर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करें।
  • इसके बाद शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, फूल और फल अर्पित करें।
  • अंत में प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और शिव चालीसा का पाठ कर व्रत को पूर्ण करें।

व्रत के दौरान क्या खाएं?
प्रदोष व्रत के दिन वैसे तो भोजन नहीं करना चाहिए। लेकिन आप फलाहार (साबूदाने की खीर, ताजे फल, दूध, नारियल पानी, केले के चिप्स, दही, कुट्टू के आटे के पकौड़े, उबले आलू, सिंघाड़े का हलवा, समा के चावल, फलों की चाट) जैसी चीजें खा सकते हैं।

कितने प्रदोष व्रत रखना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई प्रदोष व्रत रख रहा है तो उसे कम से कम 11 या अधिकतम 26 त्रयोदशी व्रत करने चाहिए। इसके बाद ही उद्यापन करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है।

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