आज से पितृ पक्ष शुरू: जानें घर पर श्राद्ध कैसे करें, शुभ मुहूर्त और तर्पण विधि

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है, जानें तर्पण विधि और घर पर कैसे करें श्राद्ध। सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को।

Updated On 2025-10-13 16:41:00 IST

पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म और तर्पण करते हुए 

Pitru Paksha 2025: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष धार्मिक महत्व है। यह वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने, उनका आभार जताने और उन्हें शांति प्रदान करने के लिए श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान जैसे कर्म करते हैं। वर्ष 2025 में पितृ पक्ष की शुरुआत आज यानी 7 सितंबर, रविवार को पूर्णिमा श्राद्ध से हो रही है, और इसका समापन 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ होगा। इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण के दिन ही हो रही है, लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इसका श्राद्ध कर्म पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। यानी कि सभी कर्म यथावत किए जा सकते हैं।

पितृ पक्ष 2025 की तिथियां और शुभ मुहूर्त

पितृ पक्ष के दौरान प्रतिदिन के श्राद्ध के लिए विशेष कुतुप, रोहिणी और अपराह्न मुहूर्त निर्धारित हैं, जो दोपहर के समय के होते हैं। इन मुहूर्तों में श्राद्ध करने से पितरों को अधिक संतोष और कर्ता को पुण्य की प्राप्ति होती है।

श्राद्ध क्या है और क्यों किया जाता है?

'श्राद्ध' शब्द 'श्रद्धा' से बना है, जिसका अर्थ है- आदरपूर्वक श्रद्धांजलि। यह वह अनुष्ठान है, जिसके माध्यम से हम अपने पूर्वजों को जल, भोजन और तर्पण अर्पित करते हैं। माना जाता है कि श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और कर्त्ता को पितृ ऋण से मुक्ति प्राप्त होती है।

पितृ पक्ष में तर्पण कैसे करें?

  • एक पीतल या स्टील की थाली या परात में शुद्ध जल लें।
  • उसमें काले तिल, थोड़ा दूध और कुशा डालें।
  • दोनों हाथों से अंजलि बनाकर जल लें और उसे सामने रखे पात्र में छोड़ें।
  • प्रत्येक पितर के लिए कम से कम तीन बार अंजलि दें।
  • तर्पण के समय पितरों का नाम स्मरण करें।

घर पर श्राद्ध कैसे करें?

  • सुबह स्नान कर घर की सफाई करें और गंगाजल छिड़कें।
  • दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके एक चौड़े पात्र में जल, दूध, काले तिल डालें।
  • ब्राह्मण को आमंत्रित कर श्राद्ध विधि अनुसार भोजन कराएं।
  • गाय, कुत्ता, कौवा, देवता और चींटी के लिए पहले पंचबली भोजन निकालना न भूलें।
  • ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दान-दक्षिणा दें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • अग्नि में पितरों के लिए बनी खीर अर्पित करें।

क्या न करें?

  • पितृ पक्ष के दौरान कोई भी नया शुभ कार्य (जैसे गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन) नहीं किया जाता।
  • इस दौरान मांस, मदिरा और अन्य तामसिक वस्तुएं त्यागनी चाहिए।


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