Pitru Paksha 2025: जानिए कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, किस दिन करें पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण

पितृ पक्ष 2025, 7 सितंबर से शुरू होगा। जो 21 सितंबर चलेगा। जानें श्राद्ध और तर्पण का शुभ समय। कैसे करें पितरों का श्राद्ध व दान-तर्पण।

Updated On 2025-09-03 15:38:00 IST

Pitru Paksha 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष प्रत्येक वर्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से प्रारंभ होकर अश्विन अमावस्या तक चलता है। यह एक विशेष धार्मिक अवधि होती है जिसमें श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य करते हैं। वर्ष 2025 में पितृ पक्ष का आरंभ 7 सितंबर को पूर्णिमा तिथि से हो रहा है और 21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या के साथ इसका समापन होगा।

पितृ पक्ष 2025 की तिथियां

7 सितंबर

पूर्णिमा श्राद्ध

8 सितंबर

प्रतिपदा श्राद्ध

9 सितंबर

द्वितीया श्राद्ध

10 सितंबर

तृतीया श्राद्ध

11 सितंबर

चतुर्थी श्राद्ध

12 सितंबर

पंचमी श्राद्ध

13 सितंबर

षष्ठी श्राद्ध

14 सितंबर

सप्तमी श्राद्ध

15 सितंबर

अष्टमी श्राद्ध

16 सितंबर

नवमी श्राद्ध (मातृ नवमी)

17 सितंबर

दशमी श्राद्ध

18 सितंबर

एकादशी/द्वादशी श्राद्ध

19 सितंबर

मघा श्राद्ध

20 सितंबर

चतुर्दशी श्राद्ध

21 सितंबर

सर्वपितृ अमावस्या

श्राद्ध कब और क्यों किया जाता है?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात है, वे उसी तिथि के अनुसार श्राद्ध करें। लेकिन जिन लोगों को पूर्वजों की मृत्यु तिथि का ज्ञान नहीं है, उनके लिए सर्वपितृ अमावस्या (21 सितंबर) का दिन सबसे उपयुक्त माना गया है। विशेष रूप से 16 सितंबर (नवमी) को मातृ नवमी भी कहा जाता है, और यह दिन माता, बहन या स्त्री पूर्वजों के श्राद्ध के लिए उत्तम माना जाता है।

पितृ पक्ष में कौन-से कार्य करें शुभ माने जाते हैं?

  • जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
  • पितरों के नाम पर ब्राह्मणों को तर्पण और दक्षिणा दें।
  • गाय, कौए, कुत्तों और अन्य जीवों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
  • घर में पीपल के वृक्ष की पूजा करना और उसके नीचे दीपक जलाना भी शुभ होता है।

पितृ दोष से मुक्ति का अवसर

पितृ पक्ष में विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यदि कुंडली में पितृ दोष हो, तो इस दौरान विशेष पूजा, जाप और ब्राह्मण भोज से लाभ मिलता है। घर में मानसिक अशांति, संतान-सुख में बाधा या आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं भी पितृ दोष के लक्षण माने जाते हैं।


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