Pithori Amavasya 2025: संतान सुख और पितृ कृपा के लिए करें ये विशेष पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और विधि
Pithori Amavasya 2025: 22 अगस्त 2025 को है पिठोरी अमावस्या। जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, तर्पण विधि और संतान सुख प्राप्ति के लिए व्रत कैसे करें।
Pithori Amavasya 2025: हर वर्ष भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाई जाने वाली पिठोरी अमावस्या का सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है। वर्ष 2025 में यह तिथि 22 अगस्त, शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना के साथ व्रत रखती हैं। साथ ही पितरों की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है।
पिठोरी अमावस्या 2025 की तिथि और समय
अमावस्या आरंभ: 22 अगस्त 2025, सुबह 11:55 बजे
अमावस्या समाप्त: 23 अगस्त 2025, सुबह 11:35 बजे
उदयातिथि के अनुसार पूजा 22 अगस्त को करना श्रेष्ठ माना गया है।
शुभ पूजा मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:04 बजे से 12:55 बजे तक
प्रदोष काल में श्राद्ध व तर्पण: सूर्यास्त के बाद तक
इस समय में की गई पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
पिठोरी अमावस्या पर कैसे करें पूजा?
स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
भगवान विष्णु की पूजा
गंगाजल से अभिषेक करें
तुलसी दल, फूल, धूप-दीप अर्पित करें
विष्णु चालीसा और पितृ चालीसा का पाठ करें
पितरों का तर्पण
जल, तिल और कुश के साथ तर्पण करें
पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं
प्रसाद वितरण और आरती: पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद को सभी में बांटें।
पिठोरी अमावस्या का धार्मिक महत्व
मान्यता है कि इस दिन 64 योगिनियों की पूजा से विशेष शुभ फल प्राप्त होते हैं। जो महिलाएं संतान सुख में बाधा महसूस कर रही हों, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायक है। पितरों के निमित्त श्राद्ध और दान करने से पितृ दोष का निवारण भी होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार