Nirjala Ekadashi: सफल हो जाएगा निर्जला एकादशी व्रत, अपना लें नीम करोली बाबा की ये सलाह

नीम करोली बाबा ने 'निर्जला एकादशी व्रत' को लेकर भी अपने विचार रखें थे। उनका कहना था कि, निर्जला एकादशी व्रत ही सबसे कठिन और सबसे पवित्र व्रत है। इसके नियमों की पालना करने का विशेष महत्व भी है। चलिए जानते हैं-

Updated On 2025-06-06 08:17:00 IST

Neem Karoli Baba - Nirjala Ekadashi Tips : 20वीं सदी के संत और आध्यात्मिक गुरु नीम करोली बाबा के विचार आज भी प्रासंगिक है। उन्हें हनुमान जी के विशेष भक्तों में से एक माना गया है। अपना संपूर्ण जीवन बजरंग बली की भक्ति में समर्पित करने वाले नीम करोली बाबा ने जनमानस को कई महत्वपूर्ण बातें बताई, जिन्हें वे अपने जीवन में उतार लें तो उनका उद्धार हो सकता है। नीम करोली बाबा ने 'निर्जला एकादशी व्रत' को लेकर भी अपने विचार रखें थे। उनका कहना था कि, निर्जला एकादशी व्रत ही सबसे कठिन और सबसे पवित्र व्रत है। इसके नियमों की पालना करने का विशेष महत्व भी है। चलिए जानते हैं-

निर्जला एकादशी पर नीम करोली बाबा के विचार

निर्जला एकादशी जैसे धार्मिक अनुष्ठान को नीम करोली बाबा ने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना था। इस व्रत को जल रहित एकादशी और भीमसेन एकादशी भी कहते है। नीम करोली बाबा कहते थे कि, यह व्रत व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में भी शांत रहने की क्षमता प्रदान करता है। इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है। इस स्तिथि में व्रती व्यक्ति भूख और प्यास से पीड़ित होकर क्रोध पर नियंत्रण खो सकता है, इसे संयमित रखना ही कठिन परीक्षा है।

नीम करोली बाबा भी मानते थे कि, निर्जला एकादशी व्रत अन्य सभी एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ है। इस व्रत को पूर्ण करने वाले साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस कठिन व्रत को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए नीम करोली बाबा कहते थे कि, हनुमान जी की कृपा आवश्यक है। उनका मानना था कि, हनुमान चालीसा का पाठ और ईश्वर पर विश्वास ही व्यक्ति को इस तरह के कठिन व्रत को पूर्ण करने की शक्ति प्रदान कर सकता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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