Shrapit Granth Nilawati: इस शापित ग्रंथ को पढ़ने से कतराते है लोग! पुस्तक खोलते ही सामने होती है मौत

हिंदी साहित्य में नीलावंती ग्रंथ का वर्णन है। इसमें बताया गया है कि इस ग्रंथ की मौजूदगी अब कहीं नहीं है। इंटरनेट की दुनिया में कुछ वेबसाइट है, जहां इससे जुड़े कुछ अंश मिलत

By :  Desk
Updated On 2024-08-13 22:40:00 IST
प्रेम प्राप्ति में असफल रहने के बाद तांत्रिक ने नीलावंती की कहानी को एक पुस्तक में लिखा।

Shrapit Granth Nilawati: सदियों पुरानी संस्कृति वाला हमारा भारत देश कई अनगिनत ग्रंथों को स्वयं में समेटे हुए है। भारत की धरती पर कई महापुरुष हुए, जिन्होंने कई ज्ञानवर्धक ग्रन्थ लिखे। ग्रंथ ही है, जो व्यक्ति को धर्म की राह पर चलने की सही दिशा दिखाते है। लेकिन यहां हम एक ऐसे ग्रंथ की बात करेंगे जिसे शापित माना गया है। कहा जाता है कि उस ग्रंथ को जो भी पढ़ता है, उस व्यक्ति की मौत हो जाती है या फिर वह मानसिक विक्षिप्त हो जाता है। 

हम बात कर रहे है 'नीलावंती ग्रंथ' की, जिसे लेकर 2 मत प्रचलित हैं। एक मत यह है कि इस ग्रंथ को यक्षिणी ने लिखा और दूसरा मत है कि इसे शक्तिशाली तांत्रिक ने लिखा। पौराणिक कथाओं की माने तो प्राचीन काल में एक शक्तिशाली तांत्रिक था, जिसे नीलावंती नाम की एक बेहद सुंदर युवती से प्रेम हो गया था। उसने युवती के सामने अपना प्रेम-प्रस्ताव रखा लेकिन युवती ने उसे ठुकरा दिया। इससे तांत्रिक क्रोधित हो गया और नीलावंती को भयानक श्राप दे दिया। 

प्रेम प्राप्ति में असफल रहने के बाद तांत्रिक ने नीलावंती की कहानी को एक पुस्तक में लिखा। उस पुस्तक को उसने श्रापित कर दिया। उसने कहा जो भी इस पुस्तक को खोलेगा, उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा या फिर उसकी मौत हो जायेगी। बताया जाता है कि तांत्रिक की मौत के बाद वह पुस्तक एक पुस्तकालय में पहुंची। यहां जिस भी शख्स ने इस पुस्तक को पढ़ा, या तो वह पागल हो गया या फिर उसकी मृत्यु हो गई। दक्षिण भारत में यह मिथ्य सर्वाधिक प्रचलित है। 

अब कहां मिलता है नीलावंती ग्रंथ? 
(Ab Kaha Milta Hai Nilawati Granth) 

हिंदी साहित्य में नीलावंती ग्रंथ का वर्णन है। इसमें बताया गया है कि इस ग्रंथ की मौजूदगी अब कहीं नहीं है। इंटरनेट की दुनिया में कुछ वेबसाइट है, जहां इससे जुड़े कुछ अंश मिलते है, लेकिन वे सत्य है या मनगंढ़त है, इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकती। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Similar News