Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी के दिन भूलकर भी न डालें तुलसी के पौधे में पानी, जानें क्यों...

Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी के दिन व्रत रखने का विधान है। लेकिन, व्रत रखने के भी कुछ नियम होते हैं। तो आइए पापांकुशा एकादशी व्रत के बारे में जानते हैं।

Updated On 2024-10-07 16:50:00 IST
Papankusha Ekadashi 2024

Papankusha Ekadashi 2024: सनातन धर्म में सभी एकादशी का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस समय आश्विन का महीना चल रहा है। इस माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी की तिथि को पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि विधान से व्रत किया जाता है। साथ ही, भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है।

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी को अर्पित किया जाता है। तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। ऐसे में आज बताएंगे कि पापांकुशा एकादशी पर भगवान विष्णु को किस तरह तुलसी दल से प्रसन्न कर सकते हैं। 

कब है पापांकुशा एकादशी

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 9 बजकर 08 मिनट पर हो रही है। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार, पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी और इसका पारण 14 अक्टूबर को किया जाएगा।

पारण के दौरान करें ये उपाय

वैदिक पुराणों के अनुसार, सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी पत्ता बहुत ही ज्यादा प्रिय है। एकादशी के दिन पारण के दौरान मुंह में तुलसी का पत्ता रखकर व्रत का पारण करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। 

एकादशी पर तुलसी दल का उपाय

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी मां को सुहाग की सारी सामग्री जैसे सिंदूर, चूड़ी, चुनरी के साथ अन्य चीजें अर्पित करें। साथ ही, तुलसी माता की 11 बार परिक्रमा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।

पापांकुशा एकादशी के दिन रखें इन बातों का ध्यान

पापांकुशा एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए, साथ ही दीपक भी नहीं जलाना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन माता तुलसी भी भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखती हैं। यदि आप इस दिन तुलसी में जल देते हैं तो उनके व्रत में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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