Margashirsha Purnima 2024: कब रखा जाएगा मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत? नोट करें पूजा मुहूर्त और पूजा विधि

15 दिसंबर 2024, रविवार को मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। इस व्रत के दौरान भगवान नारायण और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, इस व्रत को पूर्ण करने पर साध

By :  Desk
Updated On 2024-12-13 06:50:00 IST
सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना गया है।

Margashirsha Purnima 2024: 15 दिसंबर 2024, रविवार को मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। इस व्रत के दौरान भगवान नारायण और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, इस व्रत को पूर्ण करने पर साधकों के जीवन में सुख और समृद्धि आती है। सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना गया है। इस दिन चंद्रमा का उदय शाम 5 बजकर 14 मिनट पर होगा। इस दिन जरूरतमंदों को दान-पुण्य करने से शुभ लाभ मिलते है। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत तिथि 2024 
(Margashirsha Purnima Tithi) 

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर, शनिवार शाम 04 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन 15 दिसंबर, रविवार दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदयातिथि के हिसाब से पूर्णिमा व्रत 15 दिसंबर को ही रखा जाएगा। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि
(Margashirsha Purnima Puja Vidhi) 

  • - मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगाजल मिले जल से स्नान करें। 
  • - इसके पश्चात मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। 
  • - अब व्रत का संकल्प लेकर भगवान की पूरे विधि-विधान से पूजा करें। 
  • - पूजा में पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र विष्णु जी को अर्पित करें। 
  • - पूजा में मां लक्ष्मी को गुलाबी-लाल फूल और श्रृंगार सामान अर्पित करें। 
  • - इसके पश्चात अब सत्यनारायण की कथा पढ़े और अपनी पूजा संपन्न करें। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा मुहूर्त
(Margashirsha Purnima Puja Muhurat)

  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05:17 सुबह से 06:12 तक। 
  • प्रातः सन्ध्या- सुबह 05:44 से सुबह 07:06 तक। 
  • अभिजित मुहूर्त- रात्रि 11:56 से अगले दिन रात्रि 12:37 तक। 
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02:00 से दोपहर 02:41 तक। 
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:24 से शाम 05:51 तक। 
  • सायाह्न सन्ध्या- शाम 05:26 से शाम 06:48 तक। 
  • अमृत काल- शाम 06:06 से शाम 07:36 तक। 
  • निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:49 से अगले दिन रात्रि 12:44 तक। 
  • चंद्रोदय समय- शाम 05:14 बजे। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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