Khatu Shyam Nishan Yatra 2024: फाल्गुन महीने में करें खाटू बाबा की निशान यात्रा, दूर भागेगा हर एक संकट!

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर की काफी मान्यता है। खाटू बाबा के भक्त उन्हें कलयुग का श्री कृष्ण बताते है। खाटू बाबा की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया

By :  Desk
Updated On 2024-11-12 07:51:00 IST
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर की काफी मान्यता है।

Khatu Shyam Nishan Yatra 2024: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर की काफी मान्यता है। खाटू बाबा के भक्त उन्हें कलयुग का श्री कृष्ण बताते है। खाटू बाबा की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उनके बारे में एक नारा प्रचलित है 'हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा।' अर्ताथ अगर आप अपने जीवन में हर उम्मीद हार चुके है, तो बाबा खाटू वाले ही आपको सहारा दे सकते है। उनकी कृपा से हारी हुई बाजी भी जीत सकते है। 

खाटू वाले श्याम बाबा के दर्शन करने न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भक्त पहुंचते है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, महाभारत के दौरान बर्बरीक नाम के योद्धा को श्री कृष्ण ने अपना नाम 'खाटू श्याम' दिया था, क्योंकि उसने भगवान द्वारा दी गई दिव्य दृष्टि से पूरा युद्ध दर्शन किया था। श्री कृष्ण ने बर्बरीक से कहा था कि, वह कलयुग में हारे का सहारा बनेंगे और उनके नाम खाटू श्याम से जानें जाएंगे। प्रतिवर्ष खाटू भक्त श्याम बाबा की निशान यात्रा निकालते हैं। 

खाटू श्याम बाबा की निशान यात्रा
(Khatu Shyam Nishan Yatra) 

फाल्गुन महीने की शुरुआत के साथ ही बाबा खाटू श्याम की निशान यात्रा प्रारंभ होगी। देशभर से खाटू भगत सीकर जिले में स्थित खाटू दरबार पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि, जो भी भगत खाटू बाबा की निशान यात्रा में शामिल होता है, उसके सभी कष्टों को बाबा हर लेते हैं। बाबा खाटू की निशान यात्रा में भगत लोग श्री श्याम ध्वज को उठाकर खाटू श्याम मंदिर के लिए पदयात्रा करते हुए निकलते हैं और वहां मंदिर में ध्वज अर्पित कर देते हैं। इसी के बाद यात्रा संपन्न होती है। 

निशान यात्रा में ध्वज का रंग
(Khatu Nishan Yatra Dhwaj Rang) 

खाटू नरेश बाबा श्याम की निशान यात्रा में केसरिया, नीला, सफेद और लाल रंग का ध्वज इस्तेमाल होता है। इन ध्वज पर खाटू श्याम और भगवान श्री कृष्ण का चित्र बना होता है। साथ ही कई पताकाओं पर बाबा के जयकारे लिखे होते हैं और कई पर नारियल और मोरपंखी लगे होते है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Similar News