Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: सावन में गजानन संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे 5 शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन गणेश जी का व्रत रखा जाता है और चंद्र दर्शन के बाद उपवास तोड़ा जाता है। जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Updated On 2024-07-23 16:10:00 IST
गजानन संकष्टी चतुर्थी

Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: हिन्दू धर्म में हर कार्य से पहले प्रथम पूज्य श्री गणेश की पूजा की जाती है, जिससे सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं। संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की विधि विधान से पूजा करने पर उनकी कृपा सदैव ही बनी रहती है। इस चतुर्थी को सभी कष्टों का हरण करने वाला माना जाता है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन गणेश जी का व्रत रखा जाता है और चंद्र दर्शन के बाद उपवास तोड़ा जाता है। 

मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से श्री गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिससे जीवन में सुख संपदा आती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। बता दें कि इस बार सावन में गजानन संकष्टी चतुर्थी पर विशेष योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन व्रत और पूजा करने से शुभ फल मिलेगा। पंचांग के अनुसार इस दिन सौभाग्य योग, शोभन योग, शिववास योग और साथ में पूर्वाभाद्रपद और शतभिषा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। 

शुभ मुहूर्त
गजानन संकष्टी चतुर्थी तिथि का आरंभ बुधवार यानी 24 जुलाई 2024 की सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन 25 जुलाई 2024 की सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर होगा। चंद्रोदय का समय  रात 09 बजकर 38 मिनट पर होगा। 

पूजा विधि

  • सबसे पहले सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें।          
  • अब पूजा के स्थान एक चौकी के ऊपर लाल रंग व पीले रंग का कपड़ा बिछा लें।
  • पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें। 
  • इसके बाद पूजा में भगवान को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें। 
  • इसके बाद हाथ में अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना मांगें।
  • अब ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।

आकांक्षा तिवारी

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