धर्म-संस्कृति: भोग और प्रसाद में क्या अंतर है? भगवान को क्या चढ़ाया जाता है, जानें इनका धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में देवी देवता की पूजा के बाद आरती की जाती है फिर भोग लगाया जाता है और फिर उसके बाद प्रसाद वितरण किया जाता है।

By :  Desk
Updated On 2024-01-29 23:07:00 IST
bhog and prasad me antar

(रुचि राजपूत)

Difference Between Bhog and Prasad : हिंदू धर्म में अनेक देवी देवता हैं। जिनकी नियमित रूप से सुबह-शाम पूजा की जाती है उसके बाद आरती करने की परंपरा सदियों पुरानी है। भगवान की पूजा करने के बाद उन्हें भोग लगाया जाता है, क्या आप जानते हैं भोग और प्रसाद में क्या अंतर है? बहुत से लोग भोग और प्रसाद को एक ही मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है, आईए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से कि भोग और प्रसाद में क्या अंतर है।

भोग और प्रसाद में क्या अंतर है
1. भोग क्या होता है?

धार्मिक ग्रंथो के अनुसार पूजा और आरती के बाद खाने और पीने की जो वस्तु भगवान को अर्पित की जाती है उसे भोग कहा जाता है। कहा जाता है भगवान के समक्ष भोग रखकर कुछ देर के लिए यूं ही छोड़ देना चाहिए, जिससे भगवान उसे ग्रहण कर सकें।

2. प्रसाद क्या होता है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान को जो भोग लगाया जाता है और कुछ देर बाद उसे उठाकर सभी में वितरित किया जाता है वह चीज प्रसाद कहलाती है। अर्थात भगवान को अर्पित किया गया भोग उनके स्वीकार करने के बाद प्रसाद का रूप लेता है, जिसे सभी भक्तगणों में वितरित किया जाता है.

कितनी देर बाद खाना चाहिए भगवान का भोग?
मान्यता है कि भगवान को भोग अर्पित करने के बाद कम से कम 15 मिनट से आधे घंटे के बाद आप उस भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। जिस तरह हम अपना खाना स्वाद लेकर धीरे धीरे खाते हैं। ठीक उसी तरह भगवान को भी भोग खाने का समय देना चाहिए। भगवान को चढ़े भोग को उसारने के तुरंत बाद खा लिया जाना चाहिए।

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