Navratri 2025: इस बार 10 दिन की होगी नवरात्रि, जानें घटस्थापना से विजयदशमी तक पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

शारदीय नवरात्रि 2025 की पूजा सामग्री की संपूर्ण लिस्ट। जानें घटस्थापना से महानवमी तक कौन-कौन सी वस्तुएं पूजन में उपयोग होती हैं। इस बार नवरात्रि 10 दिन की होगी।

Updated On 2025-09-17 20:30:00 IST
Shardiya Navratri 2024

Navratri Puja Samagri List: शारदीय नवरात्रि का पर्व इस वर्ष 22 सितंबर 2025, सोमवार से आरंभ हो रहा है और 2 अक्टूबर, गुरुवार को विजयदशमी (दशहरा) के साथ इसका समापन होगा। विशेष बात यह है कि इस बार नवरात्रि 10 दिनों तक चलेगी, क्योंकि चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ रही है। ऐसे में भक्तों को माता दुर्गा की साधना और उपासना के लिए एक अतिरिक्त दिन का पुण्य प्राप्त होगा।

नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है। इस अवसर पर माता की चौकी सजाई जाती है और पूरे नौ (या इस बार दस) दिनों तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की आराधना की जाती है। यदि आप भी इस पावन पर्व पर व्रत रखने और पूजन करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट यहां मिल जाएगी।

नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट

कलश स्थापना के लिए

  • एक कलश (मिट्टी, तांबे या पीतल का)
  • शुद्ध मिट्टी (कलश में जौ बोने हेतु)
  • जौ (सात्विक प्रतीक के रूप में)
  • आम या अशोक के पांच पत्ते
  • कटोरी (कलश के मुख पर रखने हेतु)
  • कटोरी भरने के लिए साबुत अनाज
  • एक नारियल (सिंदूर लगाया हुआ)
  • लाल रंग का कपड़ा या चुनरी
  • मौली (कलावा)
  • अक्षत (चावल)
  • जल और गंगाजल
  • सिंदूर व चूना-हल्दी से बना तिलक
  • एक सिक्का
  • एक सुपारी

नवरात्रि देवी पूजन के लिए सामग्री

  • माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र
  • लाल या पीला वस्त्र (माता को अर्पित करने हेतु)
  • लकड़ी की चौकी (जिस पर प्रतिमा या कलश रखा जाएगा)
  • ताजे फूल और फूलों की माला
  • सोलह श्रृंगार की वस्तुएं
  • मिठाई (भोग हेतु)
  • कमलगट्टा, पंचमेवा
  • लौंग, बताशा
  • पान के पत्ते, सुपारी
  • कुछ सिक्के/रुपए (दक्षिणा के रूप में)
  • छोटी इलायची
  • एक लोटा जल
  • घी और दीपक
  • धूप, अगरबत्ती
  • जायफल, जावित्री
  • फल और नैवेद्य

घटस्थापना की विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्वास्तिक बनाएं।
  • कलश में शुद्ध जल, हल्दी, अक्षत, सिक्का, और गंगाजल डालें।
  • कलश के मुख पर आम/अशोक के पत्ते रखें और उसके ऊपर नारियल स्थापित करें।
  • कलश को जौ से भरे पात्र में रखें।
  • दीप प्रज्वलित करें और देवी का आवाहन कर पूजा आरंभ करें।

प्रमुख तिथियां

दिन 

तिथि

पर्व

सोमवार

22 सितंबर प्रतिपदा

 घटस्थापना

गुरुवार 

25 सितंबर 

चतुर्थी (दो दिन)

मंगलवार

 30 सितंबर

महा अष्टमी

बुधवार

1 अक्टूबर

महानवमी

गुरुवार 

2 अक्टूबर

दशहरा (विजयदशमी)

इस वर्ष की नवरात्रि न केवल कालगणना की दृष्टि से विशेष है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए 10 दिनों की विशेष आराधना का दुर्लभ अवसर भी प्रदान करती है। अगर आप विधिवत पूजन करना चाहते हैं, तो उपयुक्त सामग्री और सही विधि का पालन करके माता रानी की कृपा पा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

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