Nag Panchami 2025: कब है नागपंचमी?, नोट करें सही डेट, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी 2025 का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा। जानें नाग पूजा का महत्व, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और पौराणिक कथा का संपूर्ण विवरण।

Updated On 2025-07-24 22:01:00 IST

Nag Panchami 2025: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर साल नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन नाग देवताओं की आराधना और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से नाग दोष, काल सर्प दोष और जीवन की अन्य बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से नाग पंचमी से जुड़ी सभी जानकारियां।

नाग पंचमी 2025 में कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष नाग पंचमी का पर्व मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि का आरंभ 28 जुलाई को रात 11:24 बजे होगा और यह 30 जुलाई की सुबह 12:46 बजे तक जारी रहेगी। चूंकि उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए पर्व 29 जुलाई को ही मनाया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

पूजन का समय: सुबह 5:41 से 8:23 बजे तक

कुल अवधि: लगभग 2 घंटे 43 मिनट

नाग पंचमी का धार्मिक महत्त्व

नाग पंचमी का उल्लेख कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। इस दिन नागों की पूजा करने से जीवन की विषमताओं से रक्षा होती है और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। विशेष रूप से गृह दोष, शत्रु बाधा और सर्प भय से मुक्ति के लिए इस व्रत का पालन किया जाता है।

नाग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा

भविष्य पुराण के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को नागलोक में उत्सव मनाया जाता है। इस दिन जो व्यक्ति नागों को गाय के दूध से स्नान कराता है, उसके परिवार को नागों से कोई कष्ट नहीं होता।

महाभारत में भी एक प्रसिद्ध प्रसंग है, जब राजा जन्मेजय ने अपने पिता की मृत्यु के प्रतिशोध में सर्प यज्ञ किया था। इस यज्ञ में अनेक नाग जलने लगे थे, तब आस्तिक मुनि ने यज्ञ को रोककर नाग जाति की रक्षा की। यह घटना भी श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन ही घटी थी, जिससे इस दिन की धार्मिक महत्ता और बढ़ जाती है।

नाग पंचमी की पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।

पूजा के लिए मिट्टी या चित्र रूप में नाग देवता की स्थापना करें।

उन्हें हल्दी, रोली, चावल, पुष्प और दूध-घी-चीनी का मिश्रण अर्पित करें।

इसके बाद नाग पंचमी व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें।

अंत में आरती करें और प्रार्थना करें कि नाग देव आपके परिवार को कष्टों से मुक्त रखें।

क्या न करें इस दिन?

नाग पंचमी के दिन जमीन की खुदाई न करें।

घर के आसपास सांप दिखे तो उसे नुकसान न पहुँचाएं, अपितु श्रद्धापूर्वक प्रणाम करें।

लोहे के औजारों का प्रयोग कम करें।

नाग पंचमी केवल एक व्रत या पूजा नहीं, बल्कि प्रकृति और जीवों के प्रति श्रद्धा और सहअस्तित्व की भावना का प्रतीक है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सभी प्राणियों के साथ सम्मान और सद्भाव से रहना चाहिए। 29 जुलाई को आने वाला यह पर्व आध्यात्मिक शांति और पारिवारिक समृद्धि की कामना का श्रेष्ठ अवसर है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

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