Mokshda Ekadashi 2025: 1 दिसंबर को मोक्ष प्राप्ति का दुर्लभ योग, तुलसी से जुड़ी इन गलतियों से बचें
Mokshda Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी 2025 पर तुलसी से जुड़ी किन गलतियों से बचना चाहिए? जानें व्रत का महत्व, पूजा नियम और गीता जयंती से जुड़े विशेष तथ्य।
Mokshda Ekadashi 2025: 1 दिसंबर 2025 को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस पावन अवसर पर पूरे देश में गीता जयंती भी मनाई जाएगी। मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्धभूमि में अर्जुन को अमृत समान गीता उपदेश प्रदान किया था। इसलिए यह एकादशी मोक्ष प्रदान करने वाली मानी जाती है।
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा के साथ तुलसी माता की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है। हालांकि धर्मशास्त्रों में तुलसी से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका उल्लंघन करने से पूजा का पुण्य आधा हो जाता है और आर्थिक-सामाजिक जीवन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
इन गलतियों से जरूर बचें
तुलसी को छूना या पत्ते तोड़ना वर्जित
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी माता एकादशी के दिन भगवान विष्णु की सेवा में निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए इस दिन तुलसी को छूना, पत्ते तोड़ना या पौधे में पानी डालना निषिद्ध माना जाता है। यदि आपको पूजा में तुलसी दल की आवश्यकता हो, तो एक दिन पहले ही पत्ते तोड़कर रख लें।
तुलसी के पास ऊंची आवाज, झगड़ा या अपशब्द न बोलें
एकादशी का दिन सतोगुण और शांति का प्रतीक है। तुलसी के समीप वाद-विवाद, गाली-गलौज या किसी भी प्रकार का तनाव पैदा करना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से तुलसी माता और लक्ष्मी जी प्रसन्न नहीं होतीं और व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
तुलसी को सही दिशा में रखें
वास्तु और पुराणों में तुलसी के लिए उत्तर या उत्तर-पूर्व (ईशान दिशा) को श्रेष्ठ बताया गया है। गलत दिशा में तुलसी रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा कम होती है और व्रत के शुभ प्रभाव में कमी आती है।
तुलसी के पास जूठे बर्तन और गीले कपड़े न रखें
मोक्षदा एकादशी के दिन ही नहीं, बल्कि सामान्य दिनों में भी तुलसी के समीप गंदगी, जूठे बर्तन या गीले कपड़े रखना पवित्रता का उल्लंघन माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और लक्ष्मीजी का वास कम होता है।
तुलसी के पास जूते-चप्पल और झाड़ू न रखें
इन वस्तुओं को अपवित्र माना गया है। इन्हें तुलसी के पास रखने से घर की शुद्धि प्रभावित होती है और देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। धर्मग्रंथों में इसे आर्थिक रुकावटों और मानसिक तनाव का कारण बताया गया है।
कांटेदार पौधों को तुलसी के पास न लगाएं
कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस आदि नकारात्मक तरंगों से जुड़े माने जाते हैं। ऐसे पौधों को तुलसी के पास रखने से घर के सुख-शांति पर विपरीत असर पड़ सकता है।
मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्ष प्रदान करने वाली यह एकादशी पितरों के कल्याण, पापों के शमन और मन की शुद्धि के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। विष्णु और तुलसी पूजा करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, चारों पुरुषार्थों में सफलता प्राप्त होती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।