Mahalaxmi Vrat 2025: आज से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत: जानें पूजा विधि, कलश स्थापना और शुभ मुहूर्त

Mahalaxmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत 2025 की पूजा विधि, कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और लाभ जानें। इस व्रत के दौरान महालक्ष्मी माता के आशीर्वाद से धन और सुख-समृद्धि प्राप्त करें।

Updated On 2025-08-31 05:30:00 IST

Mahalaxmi Vrat 2025: हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत शुरुआत हो जाती है। इस वर्ष, महालक्ष्मी व्रत 31 अगस्त से शुरू हो रहा है और 14 सितंबर तक चलेगा। यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो धन-धान्य में कमी महसूस करते हैं। महालक्ष्मी के इस व्रत को पूरा करने से घर में धन की कमी नहीं रहती और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

31 अगस्त को महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत के साथ, कलश स्थापना भी की जाती है। इस दिन शुभ मुहूर्त सुबह 5:48 बजे से 7:35 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में कलश की स्थापना करें। कलश पर कच्चा नारियल लपेट कर रखें और उसके पास महालक्ष्मी की पूजा करें।

महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि

प्रातःकाल व्रत का संकल्प लें: महालक्ष्मी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें।

घर की सफाई करें: पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें और गंगाजल छिड़कें।

कलश स्थापना करें: कलश को उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें, फिर उसमें कच्चा नारियल रखकर लाल कपड़े में लपेटें।

महालक्ष्मी की पूजा: एक लकड़ी की चौकी पर सफेद रेशमी कपड़ा बिछाकर महालक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

अखण्ड ज्योति जलाएं: यदि संभव हो तो एक अखण्ड ज्योति जलाएं, अन्यथा रोज सुबह और शाम महालक्ष्मी के सामने घी का दीपक लगाएं।

मेवा-मिठाई का भोग अर्पित करें: महालक्ष्मी को खीर, फल, हलवा जैसे स्वादिष्ट भोग अर्पित करें।

16 गांठे बांधें: घर के सभी सदस्य अपने दाहिने हाथ की कलाई पर लाल रेशमी धागे से 16 गांठे बांधें।

मंत्रों का जाप करें: महालक्ष्मी के मंत्र "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" का जप करें। आप "श्रीं ह्रीं श्रीं" का भी जाप कर सकते हैं।

आरती और प्रसाद: पूजा के बाद महालक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

महालक्ष्मी व्रत के लाभ

महालक्ष्मी व्रत करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। घर में आर्थिक समृद्धि का वास होता है। मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानियों का समाधान होता है। माता महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति से करने पर माता महालक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।


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