महाअष्टमी आज: मां महागौरी पूजन के साथ कन्या भोज; खरीदारी के लिए बेहद शुभ दिन

महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा, कन्या भोज और भंडारे का आयोजन होता है। शोभन योग के कारण आज का दिन खरीदारी और निवेश के लिए शुभ है।

Updated On 2025-10-16 17:28:00 IST

Maha Ashtami 2025

नवरात्रि का पावन पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों, घरों और झांकियों में माता की पूजा-अर्चना का दौर जोरों पर है। आज, मंगलवार को शोभन योग में दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी, जो नवरात्रि का आठवां दिन है। इस दिन माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है। इस अवसर पर घरों में कन्या पूजा और भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। साथ ही, शोभन योग के प्रभाव से यह दिन खरीदारी के लिए भी बेहद शुभ माना जा रहा है।

मां महागौरी का स्वरूप और महत्व

चामुंडा दरबार के पुजारी पं. रामजीवन दुबे के अनुसार, मां महागौरी को शिवा भी कहा जाता है। इन्हें आठ साल की उम्र में ही अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का ज्ञान हो गया था। इसीलिए उन्होंने आठ साल की उम्र से भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या शुरू की थी। यही कारण है कि अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा का विशेष विधान है।

मां महागौरी का सांसारिक स्वरूप बेहद मनमोहक है। वे उज्ज्वल, कोमल, श्वेत वर्ण वाली और श्वेत वस्त्र धारण करने वाली हैं। उनके चार हाथ हैं, जिनमें से एक में त्रिशूल (दुर्गा शक्ति का प्रतीक), दूसरे में डमरू (भगवान शिव का प्रतीक), तीसरा हाथ वरमुद्रा में और चौथा हाथ गृहस्थ जीवन की शक्ति को दर्शाता है।

मां को संगीत और गायन बहुत प्रिय है। वे सफेद बैल पर सवार रहती हैं, और उनके सभी आभूषण भी श्वेत हैं। मां महागौरी की उपासना से भक्तों के पिछले पाप नष्ट होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ और कन्या पूजन करने से मां विशेष रूप से प्रसन्न होती हैं।

कैसे करें मां महागौरी की पूजा?

मां महागौरी की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:प्रतिमा स्थापना: नवरात्रि के आठवें दिन मां की मूर्ति या चित्र को लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें।

पंचोपचार पूजा: मां को पुष्पमाला अर्पित करें, देसी घी का दीपक और धूपबत्ती जलाएं।

प्रसाद अर्पण: मां को प्रसाद चढ़ाएं और मन को मां के ध्यान में लीन करें।

मंत्र जाप: निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

"ऊं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्दै, महागौरी देव्यै नमः"

इस मंत्र का जाप श्रद्धापूर्वक करें।

कन्या पूजा और भंडारा

महाअष्टमी के दिन कन्या पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन नन्ही कन्याओं को मां का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। साथ ही, कई स्थानों पर भंडारे का आयोजन भी होता है। पं. रामजीवन दुबे के अनुसार, मंगलवार को महाआरती और हवन का आयोजन होगा, जो बुधवार तक जारी रहेगा।

नवमी के दिन कन्या भोज और भंडारे का आयोजन होगा। इसके साथ ही देवी पाठ, व्रत परायण और जवारों का विसर्जन किया जाएगा। गुरुवार को दशहरा के अवसर पर चल समारोह और दुर्गा विसर्जन के साथ मां की विदाई होगी।

शुभ खरीदारी का अवसर

शोभन योग के कारण महाअष्टमी का दिन खरीदारी के लिए भी शुभ है। इस दिन वाहन, आभूषण, वस्त्र या अन्य जरूरी चीजों की खरीदारी करने से सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

क्यों खास है महाअष्टमी?

महाअष्टमी नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण दिन है, जो भक्ति, शक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। मां महागौरी की पूजा से न केवल मन शांत होता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि भी आती है। इस दिन कन्या पूजा और भंडारे के आयोजन से सामाजिक एकता और परोपकार की भावना भी मजबूत होती है।

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