Karwa Chauth 2025: कब है करवा चौथ पूजन का शुभ मुहुर्त, जानें व्रत पारण के नियम

karwa Chauth 2025: पंचांग के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। यहां जानें शुभ मुहूर्त और पारण नियम।

Updated On 2025-11-20 20:14:00 IST

karwa Chauth 2025: करवा चौथ का पर्व सुहागिन महिलांओ के लिए बहुत महत्वपूर्ण व फलदायी माना जाता है। इस दिन महिलाएं करवा माता से अपने पति के सौभाग्य ,अच्छे स्वास्थय और लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष यह व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं श्रृंगार कर पारंपरिक परिधान में तैयार होकर मां करवा की पूजा- अर्चना करती हैं। यहां जानें करवा चौथ पारण के नियम और शुभ मुहूर्त।

9 या 10 अक्टूबर? किस दिन रखें व्रत

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर को रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 10 अक्टूबर को रात 07 बजकर 37 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। 10 अक्टूबर की शाम को शुभ मुहुर्त में महिलाओं को पूजा कर व्रत का पारण करना होगा।

करवा चौथ पूजन समय

पूजा-अर्चना के लिए शुभ मुहुर्त शाम 05 बजकर 57 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं लाभ-उन्नति मुहूर्त- रात 09 बजकर 02 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

चंद्रोदय और पारण समय

पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर यानी करवा चौथ के दिन चांद रात में 08 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा। इस समय व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोल सकती हैं।

व्रत पारण के नियम

  • करवा चौथ के दिन सबसे पहले चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए जल में दूध, रोली, चावल और चीनी मिलाकर एक लोटे में तैयार रखें।
  • व्रत खोलने से पहले सबसे पहले छन्नी से चंद्रमा के दर्शन करें।
  • इसके बाद लोटे के जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें और व्रत की सफलता तथा पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिला को उसी छन्नी से अपने पति का चेहरा देखें। इसके बाद पति अपनी पत्नी को जल पिलाकर निर्जला व्रत का पारण करवाएं।
  • व्रत का पारण करने के बाद सबसे पहले पानी और फिर कोई मीठी चीज जैसे मिठाई या फल ग्रहण करें।
  • व्रत खोलने के तुरंत बाद भारी या तला-भुना भोजन खाने से बचें।
  • व्रत के बाद सात्विक भोजन ही करें। इस दिन तामसिक भोजन करने से बचें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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