करवा चौथ 2025 आज: सिद्धि-कुमार योग में मनाया जाएगा अखंड सुहाग का पर्व, गजकेसरी और बुधादित्य योग का दुर्लभ संयोग

करवा चौथ 2025 आज सिद्धि-कुमार योग में मनाया जाएगा। इस बार गजकेसरी और बुधादित्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। सुहागिनें अखंड सुहाग और समृद्धि की कामना से व्रत रखेंगी, बाजारों में रौनक और श्रृंगार की तैयारी चरम पर है।

Updated On 2025-11-20 20:20:00 IST

Karva Chauth 2025

अखंड सुहाग का पर्व और समृद्धि का उत्सव करवा चौथ शुक्रवार को मनाया जाएगा। करीब नौ वर्ष बाद ग्रहों के संयोग के कारण करवा चौथ पर चंद्रोदय चतुर्थी के स्थान पर पंचमी तिथि में होगा। इस मौके पर सुहागिनें व्रत रखकर अखंड सुहाग की कामना करेंगी। शाम को चंद्रमा को अध्र्घ्य देकर व्रत खोलेंगी। कई जगह पति भी पत्नी की लंबी आयु के लिए व्रत रखखेंगे।

साथ ही सामूहिक उद्यापन के कार्यक्रम भी होंगे। मां चामुण्डा दरवार के पुजारी गुरु पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि इस बार करवा चौथ गजकेसरी और बुधात्यदित्य योग का महासंयोग बन रहा है। जैसा कि यह प्रतीक है प्यार और सौभाग्य का। उसी के अनुसार इस पर्व पर प्रेम का बेहद शुभ योग बन रहा है। यह अद्भुत संयोग करवा चौथ के व्रत को और भी शुभ फलदायी बना रहा है।

ये रहेंगे योग संयोग

पं रामजीवन दुबे ने बताया कि यह वत जीवन साथी के लिए समर्पण, प्रेम और स्थान का भाव दिखाता है। इस चार करवा चौथ पर सूर्वदेठ मंगल ग्रह के चित्रा नक्षत्र में और चददेव सूर्य के कृतिका नक्षत्र से रोहिणी नक्षत्र में ओघर करने वाले हैं। इसी के साथ ही चंद्रमा वृषन राशि में संवरण भी करेंगे जो कि अत्यंत दुर्लभ योता का संकेत है।

बाजारों में रौनक, करवे, छन्नी और पूजा की थाली की बिक्री

करवा चौथ के आगमन के साथ ही देशभर में बाजारों में रौनक छा गई है। दुकानों पर करवा चौथ से जुड़ी पूजन सामग्री, डिजाइनर करवे (मिट्टी के पात्र), छन्नी, आकर्षक पूजा की थालियां और माता की चुनरी की जमकर खरीदारी हो रही है।

देखा जा रहा विशेष उत्साह

इसके अलावा, सौदर्य और श्रृंगार से जुड़ी दुकानों पर खारों भीड़ है। ब्यूटी पार्लर में एडवांस बुकिंग चल रही है। मेहंदी कलाकारों की मांग बढ़ गई है। महिलाओं में मेहंदी लगवाने को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

निर्मला एत बीजान्य होता है दीघार्यु

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते है। जब भगवान शिव का वास कैलाश पर या माता गौरों के बगाल में होता है, तो वह काल पूजा-पाठ, रूद्राभिषेक और व्रत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में की गाई कोई भी पूजा अतिशीघ्र फलदायी होती है।

पूजा शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय

  1. शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक पूजा एवं अनुष्ठान करना शुभ माना गया है।
  2. इस समय अवधि में कथा, पूजा, अर्घ्य आदि करना उत्तम माना जाता है।
  3. चंद्रोदय: चांद निकलने का समय लगभग रात 8:13 बजे (8:13 PM) है।
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