Kalawa Rules: आप भी लंबे समय से पहने हैं कलावा, हो जाएं सावधान; जीवन में ला सकता है नकारात्मकता
Kalawa Rules: क्या आपको पता है कि कलावा नकारात्मक ऊर्जा भी लाता है? यहां जानिए कलावा के नकारात्मक ऊर्जा के कारण।
Kalawa Rules
Kalawa Rules: सनातन धर्म में कलावा यानी रक्षा सूत्र का काफी महत्व होता है। मान्यता है कि रक्षा सूत्र नकारात्मक शक्तियों से बचाता है और हमारी रक्षा करता है। आध्यात्मिक दृष्टि से भी रक्षा सूत्र काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन क्या आपको पता है कि कलावा नकारात्मक ऊर्जा भी लाता है? यहां जानिए कलावा के नकारात्मक ऊर्जा के कारण।
वैसे तो कलावा सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और आपकी रक्षा भी करता है। लेकिन इसका असर ज्यादा समय तक नहीं रहता है। जब इसका सकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाता है तो यह नकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर देता है। अगर आप भी हांथ में लाल कलावा बांध रहे हैं तो यह आपको जरूर जानना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलावा पहनने के 11 दिनों तक सकारात्मकता बनी रहती है और शरीर दिव्य ऊर्जा से भरा होता है। इसलिए नकारात्मक शक्तियों से हमारे शरीर की रक्षा होती है। वहीं अगले 7 दिन बाद यह सिर्फ एक सामान्य धागा का काम करने लगता है। इसके बाद धीरे धीरे नकारात्मक शक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करने लगता है। इसलिए कलावा को समय पर बदल देना लाभकारी होता है।
लंबे समय तक क्यों नहीं पहनें कलावा?
ऐसे में अगर आप लंबे समय तक हाथ में कलावा पहनते हैं तो धीरे-धीरे आपकी ऊर्जा कम होने लगती है। साथ ही नकारात्मक शक्तियां आप पर हावी होने लगती हैं। इसलिए कलावा को 20-22 दिनों के अंदर ही उतार देना चाहिए।
इन दिन कलावा बांधना होता है शुभ
कुछ लोग पुराने कलावा को हाथ में बांधने के बाद उतारते समय उसे कहीं भी फेंक देते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। उसे कूड़ेदान में फेंकने की बजाए आग में जला दें या बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें। इसके बाद अगर नया कलावा बांधते हैं तो मंगलवार या गुरुवार का दिन चुनें। यह दिन काफी शुभ माना जाता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।