Kainchi Dham Mela 2025: कैंची धाम में कब लगने वाला है मेला?, तैयारियां शुरू; जानें जाम से बचने का सही तरीका

Kainchi Dham Mela 2025: नीम करोली बाबा के दिव्य धाम कैंची मंदिर में 15 जून को स्थापना दिवस के अवसर पर वार्षिक मेले का आयोजन होने जा रहा है।

Updated On 2025-06-07 23:53:00 IST

Kainchi Dham

Kainchi Dham Mela 2025: नीम करोली बाबा के दिव्य धाम कैंची मंदिर में 15 जून को स्थापना दिवस के अवसर पर वार्षिक मेले का आयोजन होने जा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी देशभर से हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। मेले को लेकर प्रशासन और परिवहन विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। यहां जानें मेले से संबंधित सभी जानकारियां।

भीड़ से पहले ही जुटेगा जनसैलाब
प्रशासन का मानना है कि कैंची धाम मेला के 2-4 दिन पहले से ही वहां पर भीड़ बढ़ने लगेगी। ऐसे में पिछली बार की तरह भीमताल, भवाली और कैंची मार्गों पर भारी ट्रैफिक रह सकता है। इसलिए ट्रैफिक को लेकर लगातार हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

जाम से बचाव के लिए शटल सेवाएं
शहर में ट्रैफिक को नियंत्रित रखने और जाम से बचने के लिए रोडवेज, केमू और टैक्सी यूनियन मिलकर शटल सेवा चलाएंगे। इससे कैंची धाम जाने वाले यात्रियों को आसानी होगी और निजी वाहनों की संख्या कम होंगी। निजी वाहनों की संख्या कम होने से ट्रैफिक पर दबाव नहीं बढ़ेगा।

आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी डॉ. गुरदेव सिंह की अध्यक्षता में ट्रैफिक नियंत्रण और पार्किंग व्यवस्था को लेकर बैठक भी आयोजित की गई थी। जिसमें रोडवेज, केमू और टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था। साथ ही आम लोगों से भी ट्रैफिक व्यवस्था में सहयोग करने की अपील की जा रही है।

क्यों खास है कैंची धाम का मेला?
नीम करोली बाबा को वीर हनुमान जी का अवतार भी माना जाता है। उनका यह धाम उत्तराखंड में भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। 15 जून को मंदिर की स्थापना वर्षगांठ पर विशेष पूजन, भंडारा, और कीर्तन जैसे आयोजन होते हैं।

नीम करोली बाबा परिचय

  • जन्म: लगभग 1900, अकबरपुर (उत्तर प्रदेश)
  • असली नाम: लक्ष्मण नारायण शर्मा
  • विशेषता: हनुमान भक्त, चमत्कारों और सिद्धियों के लिए प्रसिद्ध
  • उपनाम: लक्ष्मण दास, तिकोनिया वाले बाबा, तलैया बाबा

बाबा के भक्त देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। भक्तों में विदेशी अनुयायियों की भी संख्या काफी है, जिनमें स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

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