Guru Asta 2025: अस्त हुए देवगुरु बृहस्पति, जानें 27 दिनों तक क्या पड़ेगा आपकी राशि पर असर

Guru Asta 2025: देवगुरु बृहस्पति अस्त हो गए हैं। यहां जानें किन राशियों पर पडे़गा असर, किन राशि वालों के लिए सतर्कता जरूरी?

Updated On 2025-06-12 23:32:00 IST

Guru Asta 2025: ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, धर्म, गुरु, भाग्य, समृद्धि और सामाजिक यश का प्रतीक माना जाता है। लेकिन 12 जून 2025 से देवगुरु बृहस्पति अस्त हो गए हैं। यह स्थिति 9 जुलाई 2025 यानी 27 दिनों तक बनी रहेगी। इस अवधि में गुरु मिथुन राशि में अस्त हैं, जिसे आम भाषा में गुरु तारा डूबना कहा जाता है।

इस काल में विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है। यह स्थिति न केवल व्यक्तिगत जीवन बल्कि मौसम और समाज पर भी प्रभाव डालती है। यहां जानें किन राशियों पर पडे़गा असर, किन राशि वालों के लिए सतर्कता जरूरी?

कर्क राशि
इस अवधि में कर्क राशि वालों को आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। खर्चे बढ़ सकते हैं और आय सीमित महसूस हो सकती है। घर-परिवार में मनमुटाव या कहासुनी की आशंका बनी रहेगी। सलाह है कि किसी भी प्रकार के निवेश में जल्दबाजी न करें।

कन्या राशि
गुरु तारा अस्त का असर कन्या राशि के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कार्यस्थल पर मानहानि या झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। व्यवसाय और नौकरी दोनों में सतर्कता जरूरी है। यात्राओं से यथासंभव बचना लाभकारी रहेगा।

वृश्चिक राशि
इस राशि के जातकों को जमीन-जायदाद और आर्थिक लेन-देन में सावधानी रखनी चाहिए। कोई पुराना मामला फिर से अटक सकता है। छात्रों को इस समय अधिक मेहनत करनी होगी क्योंकि पढ़ाई में मन भटक सकता है।

कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए उधार और कर्ज का लेन-देन इस समय जोखिमभरा हो सकता है। व्यापार में उम्मीद से कम लाभ मिल सकता है, अतः जल्दबाजी में कोई बड़ा फैसला न लें। संतान पक्ष से संबंधित चिंता या कोई अप्रत्याशित खबर भी मिल सकती है।

आम जनजीवन और मौसम पर प्रभाव
गुरु का अस्त होना केवल ज्योतिषीय दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भौगोलिक और सामाजिक दृष्टि से भी प्रभाव डालता है। इस अवधि में असमय वर्षा, गर्मी में वृद्धि या मौसम में असंतुलन की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही समाज में धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रमों की गति धीमी हो जाती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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