Grah Gochar 2025: जुलाई में 6 ग्रह बदलेंगे चाल, जानें ज्योतिषीय दृष्टि से इसका क्या होगा असर
Grah Gochar 2025: जुलाई 2025 में गुरु, शनि, सूर्य, बुध, शुक्र और मंगल की चाल बदलने से राशियों और वैश्विक हालात पर व्यापक असर पड़ सकता है। जानिए पूरा प्रभाव।
Grah Gochar 2025: जुलाई 2025 का महीना खगोलीय घटनाओं के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस महीने 6 प्रमुख ग्रहों की चाल में परिवर्तन होगा, जिससे न केवल व्यक्ति विशेष की राशि पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है। इन परिवर्तनों में शनि की वक्री चाल, गुरु का उदय, सूर्य, बुध, शुक्र और मंगल के गोचर शामिल हैं। आइए, जानते हैं इन परिवर्तनों का व्यापक प्रभाव क्या हो सकता है।
1. गुरु का उदय – 9 जुलाई
देवगुरु बृहस्पति 9 जुलाई को मिथुन राशि में उदित हो रहे हैं। बृहस्पति के उदय को शुभता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। इस अवधि में धार्मिक गतिविधियों में बढ़ोतरी, शिक्षा से जुड़े निर्णयों में स्थिरता और व्यापारिक मामलों में सुधार के संकेत मिल सकते हैं।
2. शनि की वक्री चाल – 13 जुलाई
न्याय के देवता शनि 13 जुलाई को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। शनि की वक्री चाल समाज में बदलाव, अनुशासन की पुनः स्थापना और कर्मों का फल देने का संकेत देती है। यह समय कुछ क्षेत्रों में आर्थिक दबाव और सामाजिक उथल-पुथल का कारण बन सकता है।
3. सूर्य का कर्क में गोचर – 16 जुलाई
सूर्य 16 जुलाई को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इसे 'कर्क संक्रांति' कहा जाता है। यह परिवर्तन नेतृत्व, प्रशासन और सरकारी नीतियों में बदलाव का सूचक हो सकता है। साथ ही यह समय जल से जुड़ी घटनाओं और भारी वर्षा की आशंका को भी बढ़ाता है।
4. बुध की वक्री चाल व अस्त – 18 और 24 जुलाई
बुध ग्रह 18 जुलाई को कर्क राशि में वक्री होंगे और 24 जुलाई को अस्त हो जाएंगे। इन दोनों घटनाओं के चलते संचार, तकनीक और व्यापार क्षेत्रों में कुछ अस्थिरता आ सकती है। लोगों को निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
5. शुक्र का मिथुन में गोचर – 26 जुलाई
26 जुलाई को शुक्र मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। यह गोचर प्रेम, संबंधों और रचनात्मकता पर प्रभाव डालेगा। मनोरंजन और मीडिया क्षेत्र में हलचल देखी जा सकती है।
6. मंगल का कन्या राशि में गोचर – 28 जुलाई
ग्रहों के सेनापति मंगल 28 जुलाई को कन्या राशि में गोचर करेंगे। यह परिवर्तन ऊर्जा और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है। स्वास्थ्य, सेना और निर्माण क्षेत्रों पर इसका खास असर रह सकता है।
वैश्विक प्रभाव की संभावना
इन ग्रहीय परिवर्तनों का प्रभाव सिर्फ व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं रहेगा। राजनीति में अस्थिरता, आर्थिक असंतुलन, भारी वर्षा से प्राकृतिक आपदाएं, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव जैसे संकेत स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। शनि की वक्री चाल जहां विश्व में युद्ध जैसी परिस्थितियों को जन्म दे सकती है, वहीं बुध और शुक्र का प्रभाव राजनयिक संबंधों को उलझा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।