Brahma Muhurat Upay: ब्रह्म मुहूर्त में करें ये 5 काम, मिलेगा धन-दौलत और मानसिक शांति

Brahma Muhurat Upay: ब्रह्म मुहूर्त में करें स्नान, ध्यान, मंत्र जाप और हथेली दर्शन। जानिए इस अमृत वेला में किए जाने वाले 5 शुभ कार्य और उनके चमत्कारी लाभ।

Updated On 2025-07-17 05:10:00 IST

ब्रह्म मुहूर्त

Brahma Muhurat Upay: भारतीय सनातन संस्कृति के अनुसार सुबह 4:00 बजे से 5:30 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। ब्रह्म मुहूर्त विशेष रूप से सूर्योदय से पहले का समय है। धार्मिक मान्यता है कि अगर इस दौरान कोई कार्य किया जाए तो सौ गुना फल मिलता है। यही कारण है कि ऋषि-मुनि, योगी और साधक इस समय साधना, ध्यान और जप में लीन रहते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में धन, सुख समृध्दि पाना चाहते हैं तो ब्रह्म मुहूर्त में ये काम जरूर करें।

स्नान और प्रभु स्मरण

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए। शुद्ध जल से स्नान करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। इसके बाद अपने इष्ट देव का नाम लेकर उनका ध्यान करना अत्यंत शुभ होता है। इस समय किया गया प्रभु स्मरण न केवल आपके पुण्यों में वृद्धि करता है बल्कि घर में बरकत और पारिवारिक सुख भी लाता है।

हथेली दर्शन और मंत्र जाप

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हमारी हथेली में लक्ष्मी, सरस्वती और गोविंद का वास होता है। इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपनी हथेली को देखकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

'ॐ कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती।

करमूले तु गोविंदा, प्रभाते करदर्शनम्॥'

इस मंत्र का नियमित जाप करने से आपके दिन की शुरुआत धन, बुद्धि और आशीर्वाद के साथ होती है। यह मंत्र आपके जीवन में धन-धान्य, सौभाग्य और अच्छे विचार लाता है।

योग और ध्यान

ब्रह्म मुहूर्त का समय मानसिक और शारीरिक अभ्यास के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस समय किया गया योग शरीर को ऊर्जावान बनाता है और ध्यान मन को स्थिर करता है। कुछ ही मिनटों का अभ्यास आपके पूरे दिन को सकारात्मक बना सकता है। विशेषकर प्राणायाम, अनुलोम-विलोम और ध्यान साधना इस समय करने से मानसिक स्पष्टता और निर्णय क्षमता बढ़ती है।

मंत्र जाप

ब्रह्म मुहूर्त में किसी भी मंत्र का जाप विशेष फलदायक होता है। आप गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, या अपने इष्ट का कोई भी मंत्र जप सकते हैं। माना जाता है कि इस समय जपे गए मंत्र जल्दी सिद्ध होते हैं और साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जाप के समय शांत और स्वच्छ वातावरण में बैठें, और ध्यानपूर्वक हर शब्द का उच्चारण करें।

धार्मिक ग्रंथों का पाठ या सत्संग श्रवण

अगर संभव हो तो इस समय धार्मिक ग्रंथ जैसे भगवद गीता, रामचरितमानस या अन्य किसी सत्संग साहित्य का पाठ करें। अगर पाठ संभव न हो, तो मोबाइल या ऑडियो माध्यम से भी सत्संग श्रवण किया जा सकता है। इससे आत्मिक बल और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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