Bhadrapada 2025: भाद्रपद माह आज से शुरू, पढ़ें व्रत-त्योहार की पूरी लिस्ट

Bhadrapada Month Festival List: भाद्रपद माह 2025 की शुरुआत 10 अगस्त से हो गई है। जानें इस पावन महीने में पड़ने वाले सभी प्रमुख व्रत-त्योहारों की सूची।

Updated On 2025-08-10 08:31:00 IST

Bhadrapada Month Festival List: हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुरुआत इस वर्ष 10 अगस्त 2025, रविवार से हो गई है। यह माह आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी, बलराम जयंती, गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज जैसे कई बड़े पर्व आते हैं।

इस माह के अंत में श्राद्ध पक्ष की शुरुआत के साथ ही चंद्र ग्रहण भी लगेगा, जिससे यह महीना और अधिक विशेष बन जाता है। आइए जानते हैं भाद्रपद मास में कौन-कौन से पर्व और व्रत मनाए जाएंगे।

व्रत और त्योहारों की सूची

12 अगस्त कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी

14 अगस्त बलराम जयंती, रांधण छठ

15 अगस्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, शीतला सातम

16 अगस्त दही हांडी, कालाष्टमी

17 अगस्त सिंह संक्रांति, सूर्य का सिंह राशि में गोचर

19 अगस्त अजा एकादशी

21 अगस्त मासिक शिवरात्रि

22 अगस्त पिठोरी अमावस्या

23 अगस्त भाद्रपद अमावस्या, पोला उत्सव

25 अगस्त वराह जयंती

26 अगस्त हरतालिका तीज

27 अगस्त गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी

28 अगस्त ऋषि पंचमी, संवत्सरी पर्व

31 अगस्त राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ

1 सितंबर चंद्र नवमी

4 सितंबर वामन जयंती

5 सितंबर प्रदोष व्रत

6 सितंबर अनंत चतुर्दशी

7 सितंबर पूर्णिमा श्राद्ध, श्राद्ध पक्ष प्रारंभ, चंद्र ग्रहण

भाद्रपद मास का धार्मिक महत्व

भाद्रपद मास हिंदू कैलेंडर का छठा महीना है और चातुर्मास का दूसरा चरण। यह महीना शुभता, भक्ति और आत्मिक विकास का प्रतीक माना जाता है। इस मास में भगवान श्रीकृष्ण और भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

‘भद्र’ का अर्थ है शुभ — इसलिए इस महीने में व्रत, पूजन, कथा श्रवण और दान-पुण्य से जीवन में शुभता और सौभाग्य की वृद्धि होती है। साथ ही, इस महीने सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश और चंद्र ग्रहण जैसे खगोलीय घटनाएं भी इसे विशेष बनाती हैं।

भाद्रपद मास की अवधि

प्रारंभ: 10 अगस्त 2025

समापन: 7 सितंबर 2025

भाद्रपद माह धर्म, श्रद्धा और संस्कृति का संगम है। यह महीना हर आयु वर्ग के लिए आध्यात्मिक रूप से जागरूक होने और जीवन में शुभता लाने का सुनहरा अवसर है। आप भी इस पावन मास में व्रत-उपवास और पूजा-पाठ के माध्यम से जीवन में सकारात्मकता का अनुभव कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

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