आषाढ़ अमावस्या 2025: दुर्लभ योग! इन उपायों से खुलेगा भाग्य का ताला; नहीं किया तो पछताएंगे!

25 जून को मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या। जानें दर्श अमावस्या, अन्वाधान व्रत, पितृ तर्पण, गंगा स्नान व धार्मिक उपायों का महत्व। शुभ मुहूर्त व पंचांग विवरण।

Updated On 2025-06-24 16:16:00 IST

Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि इस बार बेहद खास है। 25 जून 2025 को दर्श अमावस्या, अन्वाधान व्रत और आषाढ़ अमावस्या का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा मिथुन राशि में रहेगा, जो ज्योतिषीय रूप से भी विशेष महत्व रखता है।

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या तिथि का शुभारंभ 24 जून की शाम 06:59 बजे से होगा और इसका समापन 25 जून को दोपहर 04:00 बजे होगा। इसलिए दर्श अमावस्या का पर्व 25 जून को मनाया जाएगा।

हर माह की अमावस्या तिथि को दर्श अमावस्या के रूप में पूजा जाता है। दर्श का अर्थ है 'दर्शन करना', जबकि अमावस्या उस दिन को कहते हैं जब चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता। इस दिन पितरों की आत्मा के लिए तर्पण, पिंडदान और दान का विशेष महत्व है।

अन्वाधान व्रत का महत्व
पुराणों के अनुसार, अन्वाधान व्रत वैष्णव संप्रदाय द्वारा अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस व्रत में अग्निहोत्र के पश्चात अग्नि को प्रज्वलित रखने के लिए उसमें ईंधन अर्पित किया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और अग्निदेव की उपासना से जुड़ा होता है।

धार्मिक उपाय और परंपराएं

  • आषाढ़ अमावस्या को गंगा स्नान, पीपल पूजन और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है।
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाना, पीपल पर कच्चा दूध और काला तिल अर्पित करना पुण्यकारी होता है।
  • गाय, कौए और कुत्तों को भोजन कराने से पितृ दोष शांत होता है और सौभाग्य प्राप्त होता है।

राहुकाल का समय: दोपहर 12:24 बजे से 02:09 बजे तक रहेगा।

अमावस्या तिथि प्रारंभ: 24 जून, 06:59 PM

अमावस्या तिथि समाप्त: 25 जून, 04:00 PM

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Tags:    

Similar News