Anant Chaturdashi 2025: गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या है?, यहां जानें सही डेट और पूजा विधि

Anant Chaturdashi 2025 पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व जानें। यह दिन गणेश उत्सव के समापन का प्रतीक होता है।

Updated On 2025-09-02 20:40:00 IST

Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी 2025 का दिन न केवल भगवान विष्णु की पूजा का विशेष अवसर है, बल्कि गणेश उत्सव के समापन का भी प्रतीक है। इस दिन गणपति बप्पा को विदाई दी जाती है, जिनकी स्थापना गणेश चतुर्थी पर की गई थी। भक्तगण श्रद्धा के साथ गणेश प्रतिमा का विसर्जन करते हैं और अगले वर्ष उनके पुनः आगमन की कामना करते हैं। यहां जानें गणेश विसर्जन की सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

अनंत चतुर्दशी 2025 की तिथि और समय

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 6 सितंबर 2025, सुबह 03:12 बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त: 7 सितंबर 2025, तड़के 01:41 बजे

गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त

विसर्जन के लिए कई मुहूर्त उपलब्ध हैं, भक्त अपनी सुविधा और श्रद्धा अनुसार इनमें से किसी भी समय विसर्जन कर सकते हैं।

समय

मुहूर्त

अवधि

सुबह

शुभ मुहूर्त

07:36 AM – 09:10 AM

दोपहर

चर, लाभ, अमृत

12:19 PM – 05:02 PM

शाम

लाभ

06:37 PM – 08:02 PM

रात्रि

शुभ, अमृत, चर

09:28 PM – 01:45 AM (7 सितंबर)

उषाकाल

लाभ

04:36 AM – 06:02 AM (7 सितंबर)

अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त 2025

पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय

6 सितंबर 2025 को सुबह 06:02 AM से लेकर 7 सितंबर 2025 को 01:41 AM तक।

गणेश विसर्जन की विधि (Ganesh Visarjan Vidhi)

गणेश विसर्जन केवल एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह भावनात्मक रूप से भी भगवान गणेश से विदाई लेने का क्षण होता है। यहां जानिए इसकी सरल और परंपरागत विधि:

समापन पूजन करें

विसर्जन से पहले भगवान गणेश की अंतिम पूजा करें। उन्हें भोग लगाएं, फूल अर्पित करें और आरती करें।

प्रार्थना और विदाई

“गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के नारों के साथ बप्पा को विदाई दें।

दूर्वा, फूल और प्रसाद अर्पण करें

भगवान गणेश को दूर्वा, फूल, मोदक और नारियल अर्पित करें। प्रसाद को बाद में लोगों में वितरित करें।

जल में विसर्जन

प्रतिमा को किसी पवित्र जल स्रोत में ले जाएं। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इको-फ्रेंडली मूर्ति का विसर्जन करें या कृत्रिम टैंक का उपयोग करें।

शांत भाव से विसर्जन

परिवार सहित बप्पा को जल में प्रवाहित करें। प्रार्थना करें कि अगले वर्ष वे पुनः पधारें और सभी को सुख-समृद्धि दें।

अनंत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व

  • इस दिन भगवान विष्णु, माता यमुना और शेषनाग की पूजा की जाती है।
  • अनंत सूत्र (कपड़े का पवित्र धागा) बांधकर लोग अनंत देवता से रक्षा और सुख-शांति की कामना करते हैं।
  • यह दिन पापों का नाश करने वाला और समस्त दुखों को दूर करने वाला माना गया है।

गणेश उत्सव का समापन

गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ यह 10 दिवसीय पर्व, अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन के साथ समाप्त होता है। इस उत्सव के दौरान भक्तों के बीच अपार श्रद्धा और उल्लास देखने को मिलता है। विसर्जन के दिन बप्पा को विदाई देने के लिए देशभर में शोभायात्राएं, ढोल-नगाड़े, झांकियां और नृत्य-गान का आयोजन होता है।


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