Sawan 2025: सावन के पहले सोमवार पर बन रहे कई शुभ योग, 100 वर्षों बाद आया दुर्लभ संयोग
Sawan 2025: 14 जुलाई 2025 को सावन का पहला सोमवार है। इस दिन 6 शुभ योग बन रहे हैं। शिव पूजा के लिए यह दुर्लभ संयोग 100 वर्षों बाद आया है। जानें पूजा विधि और समय।
Sawan 2025: भोलेनाथ के प्रिय सावन महीने की शुरुआत इस वर्ष शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 से हो रही है और यह 9 अगस्त तक चलेगा। इस बार सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है, जो विशेष रूप से पुण्यदायक और दिव्य संयोगों से भरपूर माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, करीब 100 वर्षों के बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है जब एक ही दिन में 6 विशेष योग बनेंगे, जिससे भगवान शिव की उपासना हजारों गुना फलदायी मानी जा रही है।
क्या है इस सोमवार की विशेषता?
ज्योतिषाचार्य डॉ. मनीष गौतम जी महाराज के अनुसार, इन योगों में शिव पूजन करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है बल्कि जीवन की कठिनाइयां भी दूर होती हैं। 14 जुलाई को पड़ने वाले पहले सोमवार को प्रीति योग, आयुष्मान योग, सुकर्मा योग, शिव योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का महासंयोग बन रहा है। ऐसा माना जाता है कि जब इतने शुभ योग एकसाथ बनते हैं, तो वह दिन देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली होता है।
इस प्रकार करें शिव पूजन
सावन के पहले सोमवार को शिवलिंग का अभिषेक विशेष फलदायक होता है। श्रद्धा अनुसार भक्त भगवान शिव का षोडशोपचार, दशोपचार या राजोपचार विधि से पूजन कर सकते हैं।
अर्पण करने योग्य प्रमुख वस्तुएं
- जल व दूध
- बेलपत्र
- धतूरा व भांग
- सफेद पुष्प
- भस्म व रुद्राक्ष
इस दिन शिव मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप कम से कम 108 बार करना विशेष फलदायक रहेगा।
शुभ योगों के समय इस प्रकार हैं
- योग का नाम प्रारंभ – समाप्ति समय
- प्रीति योग सुबह 10:00 बजे – रात 10:30 बजे तक
- आयुष्मान योग दोपहर 12:18 बजे – 1:51 बजे तक
- सुकर्मा योग दोपहर 1:33 बजे – 2:33 बजे तक
- शिव योग शाम 5:19 बजे – रात 7:15 बजे तक
- शोभन व सिद्धि योग दिनभर छाया रहेगा असर
इन समयों में पूजन, जाप, रुद्राभिषेक या रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करने से शिव कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
सावन में शिव भक्ति का महत्व
सावन का हर सोमवार शिव भक्तों के लिए विशेष होता है, लेकिन जब पहला सोमवार ही इतने शुभ योगों के साथ आरंभ हो, तो यह संपूर्ण माह की ऊर्जा को सकारात्मक बना देता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया व्रत, पूजन और संकल्प पूरे वर्ष के कष्टों को हरने वाला होता है।
क्या करें और क्या न करें
यह करें
- व्रत, शिव अभिषेक, मंत्र जाप, रुद्राभिषेक
- जल, दूध और बेलपत्र से अभिषेक
- गरीबों को अन्न-दान या वस्त्र दान
न करें
- झूठ बोलना या क्रोध करना
- किसी का अपमान
- लहसुन-प्याज या तामसिक भोजन
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।