Manipur Clash: मणिपुर के चुराचांदपुर में SP दफ्तर पर 400 लोगों ने किया हमला, पुलिस वाहनों में लगाई आग, 2 की मौत, 25 घायल

Manipur Clash Latest Updates: पुलिस के अनुसार, 300-400 लोगों की भीड़ ने एसपी-सीसीपी कार्यालय पर पथराव करते हुए आगजनी की। पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा में दो की मौत हो गई। जबकि 25 अन्य घायल हो गए।

Updated On 2024-02-16 08:03:00 IST
Manipur Violence

Manipur Clash Latest Updates: मणिपुर के कुकी-जो जनजाति बाहुल्य चुराचांदपुर जिले में गुरुवार देर रात भीड़ ने पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पर हमला कर दिया। पुलिस के अनुसार, 300-400 लोगों की भीड़ ने एसपी-सीसीपी कार्यालय पर पथराव करते हुए आगजनी की। पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा में दो की मौत हो गई। जबकि 25 अन्य घायल हो गए।

आरएएफ और एसएफ ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। हालात पर काबू पा लिया गया है। हालांकि तनाव बरकरार है। फोर्स स्थिति पर नजर बनाए हुए है। 

क्यों भीड़ ने किया हमला?
पुलिस ने बताया कि 14 फरवरी को एक वीडियो सामने आया था। इसमें सियामलाल पॉल नाम का हेड कांस्टेबल हथियारबंद लोगों के साथ दिखाई दिया। हेड कांस्टेबल ने बंकर में हथियारबंद लोगों के साथ सेल्फी ली थी। उसकी यह हरकत पुलिस विभाग की नजर में अनुशासनहीनता थी। इसलिए चुराचांदपुर के एसपी शिवानंद सुर्वे ने हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी हो सकती है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हेड कांस्टेबल को गलत तरीके से निलंबित किया गया है और उसे बहाल किया जाना चाहिए। 

सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे
पुलिसकर्मी की बहाली की मांग को लेकर गुरुवार देर रात करीब 400 लोगों की भीड़ ने पुलिस अधीक्षक के कार्यालय को घेर लिया। प्रदर्शनकारियों ने एसपी कार्यालय के बाहर एक बस और अन्य जगहों में आग लगा दी। इस दौरान भारतीय झंडे को बिल्डिंग से उतारते हुए एक वीडियो सामने आया है। भीड़ के हिंसक होने पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे। जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। हिंसा को देखते हुए जिले में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

स्थिति पर नजर रखी जा रही
मणिपुर पुलिस ने एक्स पोस्ट में बताया कि लगभग 300-400 की संख्या में भीड़ ने एसपी सीसीपी के कार्यालय पर धावा बोलने, पथराव आदि करने का प्रयास किया। आरएएफ सहित एसएफ स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागकर उचित जवाब दे रही है। चीजों पर नजर रखी जा रही है। 

ट्राइबल लीडर्स फोरम ने हिंसा के लिए एसपी को ठहराया जिम्मेदार
चुराचांदपुर पर कुकी-जो जनजातियों के प्रभुत्व है। मई 2023 में यहीं से जातीय झड़प शुरू हुए थे। कुकी जनजातियों ने बार-बार उनके गांवों पर हमले में पुलिस की संलिप्तता का आरोप लगाया है। पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है। कुकी-जो नागरिक समाज समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने गुरुवार देर रात कहा कि चुराचांदपुर पुलिस प्रमुख जिले में आज रात की घटना के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।

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नेक्टर संजेनबाम पर गंभीर आरोप
सिविल सोसायटी समूह के पूर्व नेता ने मणिपुर पुलिस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। एक नागरिक समाज समूह के पूर्व नेता ने कथित तौर पर उन्हें जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मणिपुर पुलिस को पत्र लिखा है।

टेंगनौपाल इकाई कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) के पूर्व प्रमुख एच थांगटिनलेन डैनियल मेट ने पत्र में आरोप लगाया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (लड़ाकू) कर्नल नेक्टर संजेनबाम (सेवानिवृत्त) ने उन्हें रात में फोन किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा, 'मुझे मिस्टर नेक्टर के फ़ोन नंबर से एक कॉल आई। देर रात होने के कारण मैंने कॉल रिसीव नहीं किया। फिर कुछ मिनटों के बाद मुझे जान से मारने की धमकी वाला एक टेक्स्ट संदेश मिला।' उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

इस हेड कांस्टेबल की वजह से भड़की हिंसा

कौन हैं कर्नल नेक्टर?
कर्नल नेक्टर ने 2015 में म्यांमार में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। मणिपुर सरकार ने उन्हें अगस्त 2023 में पांच साल के कार्यकाल के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (लड़ाकू) नियुक्त किया था। सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ने 21 पैरा (विशेष बल) में सेवा की है। उन्हें कीर्ति चक्र - शांतिकाल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार और तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।

मणिपुर में अब तक 200 से ज्यादा की मौत
मणिपुर में बीते 9 महीने से हिंसा जारी है। 3 मई 2023 को कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ था। अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं। पुलिस ने 6 हजार मामले दर्ज किए हैं। जबकि 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। 

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