IndiGo crisis: DGCA ने एयरलाइन सेफ्टी को नजरअंदाज करने के लिए 4 अफसरों को बर्खास्त किया

IndiGo संकट गहराने पर DGCA ने सेफ्टी की अनदेखी को लेकर चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को बर्खास्त किया। उड़ान रद्दीकरण, शेड्यूल कटौती और बढ़ते किरायों के बीच यह कदम भारत के एविएशन सेक्टर में बड़ी हलचल पैदा कर रहा है।

Updated On 2025-12-12 12:42:00 IST

(एपी सिंह ) नई दिल्ली। इंडिगो के हालिया संकट ने भारतीय विमानन क्षेत्र में कई गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं। देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन लगातार परिचालन संबंधी गड़बड़ियों और बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने की समस्या से जूझ रही है। इस बीच नागरिक उड्डयन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने सेफ्टी को नजरअंदाज करने के लिए इंडिगो के चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। डीजीसीए की जांच में उनके काम में गंभीर लापरवाहियां की गई हैं। यही वजह है कि उनके खिलाफ डीजीसीए ने सख्त कार्रवाई की है। नियामक अब एयरलाइन के संचालन मानकों और सुरक्षा निगरानी में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।

इन निरीक्षकों ऋषि राज चटर्जी, सीमा झामनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक की जिम्मेदारी थी कि वे इंडिगो के उड़ान संचालन, सुरक्षा प्रक्रियाओं, पायलट मानकों और अन्य तकनीकी अनुपालनों की निगरानी करें। उनकी बर्खास्तगी दर्शाती है कि इन स्तरों पर गंभीर चूकें पाई गईं हैं। जिसके लिए इन्हें तुरंत दंडित करने की जरूरत महसूस हुई। यह कदम तब उठाया गया है, जब डीजीसीए ने अपनी टीम को सीधे इंडिगो मुख्यालय में तैनात कर दिया है और संकट का गहन विश्लेषण शुरू किया है। जिससे पता चलता है कि स्थिति अपेक्षा से अधिक गंभीर मानी जा रही है।

संकट का दूसरा पहलू यात्रियों से भी जुड़ा है। उड़ान रद्द होने और देरी की वजह से हजारों यात्रियों को परेशानी हुई। इंडिगो ने क्षतिपूर्ति के तौर पर प्रति यात्री 10,000 रुपए का ट्रैवल वाउचर देने की घोषणा की है, लेकिन इसके बावजूद एयरलाइन का परिचालन अब तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाया है। गुरुवार को ही दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 200 से अधिक उड़ानें रद्द हुई हैं। इससे संकेत मिलता है कि तकनीकी, क्रू मैनेजमेंट और शेड्यूलिंग के मुद्दे अभी भी पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो पाए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी स्थिति की गंभीरता देखते हुए इंडिगो को अपने विंटर शेड्यूल में 10% कटौती करने का आदेश दिया है।

जब तक एयरलाइन पूरी तरह स्थिर और सक्षम परिचालन क्षमता दिखाने में सफल नहीं होती, उसे अपनी उड़ान संख्या कम रखनी होगी। लेकिन इस कटौती ने नई तरह की समस्या पैदा कर दी है। अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर किराया बेतहाशा बढ़ गया है। इंडिगो के फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों की बर्खास्तगी यह दिखाती है कि भारतीय विमानन नियामक अब सुरक्षा और परिचालन मानकों को लेकर अत्यंत सख्त रुख अपना रहा है। इंडिगो के लिए यह चेतावनी भी है और सुधार का अवसर भी-उसे अपने सिस्टम, प्रशिक्षण, सुरक्षा ऑडिट और परिचालन प्रक्रियाओं को मजबूत करना होगा ताकि यात्रियों का भरोसा कायम रह सके और भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए।

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