Shaere Maket: रिकॉर्ड हाई के नजदीक पहुंचे सेंसेक्स और निफ्टी-50, बीएसई के 576 शेयरों में 30% से ज्यादा गिरावट

बीएसई के 576 शेयर अपने उच्चतम स्तर से 30% से ज्यादा गिर चुके हैं। इनमें से 463 शेयर एक-तिहाई से अधिक और लगभग 100 शेयर अपनी कीमत का आधा हिस्सा गंवा चुके हैं। इससे पता चलता है कि इंडेक्स भले ही मजबूत दिख रहे हों, लेकिन खुदरा निवेशकों के पोर्टफोलियो में भारी नुकसान हो रहा है।

Updated On 2025-11-26 14:47:00 IST

(एपी सिंह) मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों दो बिल्कुल अलग-अलग तरह की तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। ऊपर से देखें तो सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंचते दिख रहे हैं, लेकिन सतह के नीचे हालात काफी चिंताजनक दिखाई देते हैं। आंकडों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि बीएसई के 576 शेयर अपने उच्चतम स्तर से 30% से ज्यादा गिर चुके हैं। इनमें से 463 शेयर एक-तिहाई से अधिक और लगभग 100 शेयर अपनी कीमत का आधा हिस्सा गंवा चुके हैं। इससे पता चलता है कि इंडेक्स भले ही मजबूत दिख रहे हों, लेकिन खुदरा निवेशकों के पोर्टफोलियो में भारी नुकसान हो रहा है।

मोबीक्विक का शेयर एक साल में 55% टूटा

सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में मोबिक्विक है, जो एक साल में 55% टूट चुका है, जबकि तेजस नेटवर्क्स 63.81%, प्राज इंडस्ट्रीज 59.52%, ईजी ट्रिप प्लानर्स 56.31% से ज्यादा नीचे हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट मुख्य रूप से अवास्तविक वैल्यूएशन और निवेश प्रवाह के सिर्फ चुनिंदा बड़े शेयरों में केंद्रित हो जाने के कारण है। विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड के दौरान निफ्टी 7,511 के निचले स्तर से सितंबर 2024 के 26,216 के शिखर तक जा पहुंचा है। इस शानदार रैली से खुदरा निवेशकों का भरोसा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी से बढ़ा है। इसी आकर्षण ने एसआईपी निवेशों को भी उछाल दिया है, जिससे इन सेगमेंट में वैल्यूएशन बेहद महंगे हो गए हैं।

निफ्टी की 60% बढ़त, कुछ शेयरों से आई

यही वजह है कि आज भी ब्रॉडर मार्केट में वैल्यूएशन सुविधाजनक स्तर पर नहीं है। निफ्टी जहां 22.6 के पीई पर है, वहीं निफ्टी मिडकैप 150 का पीई 33 और स्मॉलकैप 250 का पीई 29 पर पहुंच गया है। वर्तमान बाजार स्थिति यह भी दिखाती है कि निफ्टी की हालिया बढ़त का 60% योगदान सिर्फ कुछ बड़े शेयरों से आया है। इसीलिए विशेषज्ञ इसे नैरो और फ्रेजाइल रैली बता रहे हैं। स्मॉलकैप स्पेस में स्थिति और भी खराब है निफ्टी स्मॉलकैप 100 के 43 शेयर साल 2025 में 20% से 60% तक टूट चुके हैं। कमजोर नतीजे, महंगे दाम और ईपीएस कटौती ने निवेशकों को बड़े और मिडकैप शेयरों की तरफ मोड़ दिया है।

कब तक दिखेगा ब्रॉडर मार्केट में सुधार?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ब्रॉडर मार्केट कब सुधरेगा? विशेषज्ञों के अनुसार, असली रिकवरी तभी आएगी जब वैल्यूएशन उचित स्तर पर लौटेंगे और कंपनियों की कमाई में स्पष्ट तेजी दिखेगी। आने वाली दो–तीन तिमाहियों में आय वृद्धि और टैरिफ संबंधी स्पष्टता बाजार को नई दिशा दे सकती है। फिलहाल निवेशकों के लिए संदेश साफ है यह समय सावधानी, चयन और मजबूत बुनियादी कंपनियों पर फोकस करने का है। बाजार में भले ही उत्सव जैसा माहौल दिख रहा हो, लेकिन नीचे गहराई में नुकसान भी उतना ही बड़ा है। यही भारतीय शेयर बाजार की दोहरी हकीकत है। 

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