जीएसटी रेट कट का असर: नवंबर में कलेक्शन 1.7 लाख करोड़, फरवरी 2024 के बाद सबसे कम
GST Collection:नवंबर में जीएसटी कलेक्शन गिरकर 1.7 लाख करोड़ रुपये हो गया। ये फरवरी 2024 के बाद सबसे कम है। जीएसटी 2.0 के रेट कट का पूरा असर नवंबर में दिखा है।
जीएसटी कलेक्शन नवंबर 2024 के बाद सबसे कम हुआ है।
GST Collection: नवंबर में देश की जीएसटी वसूली में बड़ी गिरावट देखने को मिली। कुल गुड्स एंड सर्विस टेक्स कलेक्शन 1.7 लाख करोड़ रुपये रहा,जो फरवरी 2024 के बाद सबसे कम है। साल-दर-साल तुलना में भी 0.7% की गिरावट दर्ज की गई। यह कमी मुख्य रूप से GST दरों में किए गए बड़े बदलाव यानी रेट रेशनलाइजेशन का प्रभाव बताई जा रही,जिसमें कई उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स घटाया गया था।
नवंबर में सेंट्रल GST का कलेक्शन बढ़कर 34,843 करोड़ रुपये हुआ जबकि पिछले साल नवंबर में यह 34141 करोड़ था। लेकिन स्टेट GST (SGST) और IGST में गिरावट दर्ज हुई। स्टेट जीएसटी घटकर 42,522 करोड़ रह गया, जो पिछले साल 43,047 करोड़ था। वहीं IGST भी 46934 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल नवंबर में यह 50,093 करोड़ था।
रिफंड घटने से नेट कलेक्शन में मामूली बढ़त
नवंबर में नेट जीएसटी कलेक्शन 1.52 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 1.5 लाख करोड़ रुपये से 1.3% ज्यादा है। यह मामूली बढ़त इसलिए दिखी क्योंकि इस बार टैक्सपेयर्स ने कम रिफंड लिए। नवंबर में रिफंड सिर्फ 18,954 करोड़ रुपये जारी हुए, जो साल-दर-साल 4% कम है।
GST 2.0 का असर दिखना शुरू
सितंबर में सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा GST सुधार लागू किया। इसमें 12% और 28% के दो टैक्स स्लैब खत्म कर दिए गए और ज्यादातर सामानों को 5% और 18% स्लैब में ले आया गया। सिर्फ लक्जरी और ‘सिन गुड्स’ के लिए 40% का एक अतिरिक्त स्लैब बनाया गया। यह नया ढांचा-जीएसटी 2.0, 22 सितंबर को लागू किया गया था। अक्टूबर में दिवाली की वजह से खपत बढ़ी और GST कलेक्शन 1.95 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था। लेकिन नवंबर में रेट कटौती का पूरा असर आया और कलेक्शन में ठहराव देखा गया।
सेस कलेक्शन में सबसे बड़ी गिरावट
नवंबर में सेस कलेक्शन सिर्फ 4,006 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल यह 12,950 करोड़ रुपये था। यानी दो-तिहाई की गिरावट। BDO इंडिया के इंडायरेक्ट टैक्स विशेषज्ञ कार्तिक मणि के मुताबिक, GST 2.0 के बाद अब सिर्फ तंबाकू पर ही सेस लगता है जबकि पहले एरेटेड बेवरेज और मोटर व्हीकल जैसे कई उत्पादों पर सेस लगता था। यही कारण है कि कुल सेस कलेक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई।
(प्रियंका कुमारी)