GST Rate cut: 22 सितंबर से पहले ही हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर GST खत्म, ग्राहकों को फौरन राहत मिलेगी

GST Rate cut:हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस लेने की सोच रहे तो 22 सितंबर से पहले ही ऐसा कर सकते क्योंकि जीएसटी रेट कट का फायदा अभी से बीमा कंपनियों ने लागू कर दिया है। यानी 22 सितंबर से पहले ही हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस बिना जीएसटी चुकाए खरीद सकते।

Updated On 2025-09-10 20:03:00 IST

22 सितंबर से पहले ही हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर GST खत्म कर दिया गया है। 

GST Rate cut: जीएसटी सुधार पर अमल 22 सितंबर से लागू होगा। इसके दायरे में हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस भी शामिल हैं। अच्छी खबर ये है कि बीमा कंपनियां और डिजिटल प्लेटफॉर्म इस राहत को फौरन लागू करने जा रहे। यानी 22 सितंबर से पहले ही हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म कर दिया है। कई कंपनियों ने मिलकर फैसला किया है कि ग्राहक अभी से बिना जीएसटी चुकाए पॉलिसी खरीद सकेंगे, हालांकि उनकी कवरेज 22 सितंबर से शुरू होगी।

स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ आनंद रॉय ने इसे ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इससे लाखों भारतीयों के लिए सुरक्षा अधिक किफायती और सुलभ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने और कई इंटरमीडियरी कंपनियों ने मिलकर यह पक्का किया है कि ग्राहक को इंतजार न करना पड़े। वह आज ही पॉलिसी खरीद सकते हैं और 22 सितंबर से उनकी कवरेज चालू हो जाएगी।

रॉय के मुताबिक, हेल्थ इंश्योरेंस अब कोई लक्ज़री नहीं बल्कि जरूरत है। ऐसे में ग्राहकों को समय से सुरक्षा देना इंडस्ट्री की प्राथमिकता है।

लाखों लोगों को मिलेगी राहत

इस फैसले से परिवारों को सीधे तौर पर प्रीमियम में कमी का फायदा मिलेगा। जब इलाज और दवाइयों का खर्च लगातार बढ़ रहा, तब GST हटने से बीमा लेना और भी आसान होगा।

पॉलिसीबाज़ार के जॉइंट ग्रुप सीईओ सरबवीर सिंह ने भी इस कदम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस जरूरत है न कि विकल्प। चूंकि पॉलिसी इश्यू और अंडरराइटिंग में समय लगता है, इसलिए ग्राहकों को आज ही पॉलिसी खरीदने का मौका मिलना चाहिए। इससे वे खुद को सुरक्षित करने का तुरंत फैसला ले सकते और सरकार की इस छूट का पूरा लाभ उठा सकते हैं।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत की प्रोटेक्शन गैप यानी बीमा कवरेज की कमी को कम करने में मदद मिलेगी। अभी भी बड़ी संख्या में परिवार बिना हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस के हैं। अब जब कंपनियां और डिजिटल प्लेटफॉर्म मिलकर ग्राहकों को जल्दी अपनाने का विकल्प दे रहे हैं, तो इससे बीमा कवरेज का दायरा और बढ़ने की उम्मीद है।

इस कदम से न सिर्फ बीमा क्षेत्र को नई रफ्तार मिलेगी, बल्कि आम लोगों की जेब पर भी बड़ा बोझ कम होगा।

(प्रियंका कुमारी)

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