US Dollar Strong: फेड मीटिंग से पहले संभला डॉलर, भारतीय रुपए पर क्या पड़ेगा इसका असर ?

फेड मीटिंग से पहले अमेरिकी डॉलर ने दो हफ्ते की गिरावट से उबरते हुए स्थिरता पाई है। जानें क्यों है निवेशक सतर्क हैं, हॉकिश कट क्या है और इसका वैश्विक बाजार, खासकर भारत पर, क्या प्रभाव होगा ?

Updated On 2025-12-08 11:20:00 IST

(एपी सिंह ) सिंगापुर। अमेरिकी डॉलर ने दो सप्ताह की लगातार कमजोरी के बाद सोमवार को स्थिरता दिखानी शुरू कर दी है। यह स्थिति ऐसे समय में आई है जब इस पूरे सप्ताह दुनिया की कई बड़ी केंद्रीय बैंकों की मीटिंग होने वाली हैं, जिनमें सबसे ज्यादा ध्यान अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर है। बाजार लगभग तय मानकर चल रहा है कि फेड इस बार ब्याज दर में कटौती करेगा, लेकिन समिति के भीतर मतभेदों के कारण अनिश्चितता बढ़ गई है। यही वजह है कि निवेशक सतर्क हो गए हैं और डॉलर को एक तरह का सहारा मिल गया है।

फेड की बुधवार को होने वाली बैठक के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा और स्विटजरलैंड में भी इस सप्ताह नीतिगत बैठकें होंगी, हालांकि वहां किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। यूरो डॉलर के मुकाबले 1.1644 पर स्थिर है, जबकि येन भी नवंबर में हुई तेज गिरावट से उबरकर 155.28 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा है। यह संकेत देता है कि वैश्विक मुद्रा बाजार फेड के फैसले से पहले खुद को संतुलित कर रहा है। विश्लेषकों का अनुमान है कि फेड हॉकिश कट करेगा। इसका मतलब है कि भले ही दरों में कटौती की जाए, लेकिन फेड अपने बयान और प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे की कटौती को लेकर सख्त रुख दिखा सकता है।

यदि फेड भविष्य में कम कटौती का संकेत देता है, तो डॉलर को और मजबूती मिल सकती है क्योंकि इससे अगले साल दो या तीन कटौती की उम्मीदें कमजोर पड़ेंगी। ऑस्ट्रेलियाई डॉलर पिछले सप्ताह की बढ़त के बाद 0.6640 के पास स्थिर है। हाल के महीनों में महंगाई, आर्थिक विकास और घरेलू खर्च के मजबूत आंकड़ों ने यह संकेत दिया है कि ऑस्ट्रेलिया जल्द किसी कटौती की ओर नहीं बढ़ेगा। यही कारण है कि बाजार अब रेट कट की उम्मीदों से हटकर स्थिरता पर दांव लगा रहा है।

कनाडा में भी कुछ ऐसा ही माहौल है। मजबूत रोजगार आंकड़ों के बाद कैनेडियन डॉलर (लूनी) 10 हफ्तों के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। बैंक ऑफ कनाडा इस हफ्ते दरों को अपरिवर्तित रखने वाला है, और 2026 तक एक संभावित बढ़ोतरी की कीमत बाजार पहले ही तय कर चुका है। न्यूजीलैंड डॉलर 0.5779 पर स्थिर है, जबकि स्विस फ्रैंक हल्की गिरावट के साथ 0.8045 पर ट्रेड कर रहा है। स्विटजरलैंड में कम महंगाई के चलते वहां की ब्याज दरें अभी लंबे समय तक 0% पर रहने की उम्मीद है। कुल मिलाकर, डॉलर की यह मजबूती दर्शाती है कि वैश्विक बाजार फेड की दिशा का इंतजार कर रहा है। एक छोटा बदलाव भी दुनिया की मुद्रा और बॉन्ड मार्केट में बड़े प्रभाव डाल सकता है।

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