कॉल ड्रॉप्स पर ट्राई सख्त, कई टेलीकॉम कंपनियों को भेजा कारण बताओ नोटिस, लग सकता है भारी जुर्माना
भारतीय दूरसंचार विनियामक ट्राई ने ग्राहकों को हो रही कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए कुछ दूरसंचार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी की है। नियामक ने टेलीकॉम कंपनियों से एक हफ्ते में इस नोटिस का जबाव मांगा है।;

भारतीय दूरसंचार विनियामक ट्राई ने ग्राहकों को हो रही कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए कुछ दूरसंचार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी की है। नियामक ने टेलीकॉम कंपनियों से एक हफ्ते में इस नोटिस का जबाव मांगा है। गौरतलब है कि नया कॉल ड्रॉप्स नार्म 1 अक्टूबर 2017 से ही लागू हो गया है।
ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने इन कंपनियों का नाम उजागर न करते हुए बताया कि रेगुलेटर इन कंपनियों के खिलाफ नेम एंड शेम वाली पॉलिसी नहीं अपनाना चाहता है।
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इस वजह से भेजा गया नोटिस
उन्होंने आगे बताया कि इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस कुछ विशेष सर्किलों नें नए सर्विस क्वालिटी क्राइटेरिया नहीं पूरा कर पाने की वजह से भेजा गया है। हालांकि आरएस शर्मा ने इन कंपनियों के नाम और भेजे गए नोटिस की संख्यां का खुलासा नहीं किया है।
नई नीति के तहत होगी कारवाई
कॉल ड्रॉप्स की नई पॉलिसी के अनुसार कंपनियों की समीक्षा का आधार दिसंबर 2017 रखा गया है। ट्राई दूरसंचार कंपनियों के अक्टूबर से दिसंबर 2017 के बीच के परफॉर्मेंस की समीक्षा करने के बाद इन कंपनियों को नोटिस भेजा है।
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10 लाख रुपए का लग सकता है जुर्माना
आपको बता दें कि नए नियम के लागू होने पर अब कॉल ड्रॉप्स की वजह से कंपनियों पर 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ट्राई ने कंपनियों के परफार्मेंस की समीक्षा के लिए अब सर्किल के बजाय टॉवर लेवल को आधार बनाया है।
जबाब मिलने के बाद होगी कारवाई
आरएस शर्मा ने आगे बताया कि इन कंपनियों की तरफ से एक हफ्ता के बाद जबाब मिलने के बाद कारवाई की जाएगी। ये एक प्रोसेस है जिसमें कंपनियों को नोटिस का जबाब देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया जाता है।
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