Harop Drones: क्या है 'सुसाइड ड्रोन'? जिसने पाकिस्तान को कर दिया धुंआ-धुंआ, जानिए ताकत और खासियत

हार्पी ड्रोन इस समय का सबसे खतरनाक हथियार है, जिसे सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है। भारत ने इसी ड्रोन के जरिए अपने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया और पूरे पाकिस्तान को धुंआ-धुंआ कर दिया।

Updated On 2025-05-09 16:26:00 IST

Harop Drones: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच 'Harop Drone' एक बार फिर चर्चा में है। इसे 'सुसाइड ड्रोन' के नाम से भी जाना जाता है। इस ड्रोन ने कथित तौर पर पाकिस्तान के लाहौर, कराची और सियालकोट जैसे शहरों में एयक डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाकर तबाही मचाई। भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत इन ड्रोन्स का इस्तेमाल पाकिस्तान की सैन्य सुविधाओं, विशेष रूप से लाहौर की HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करने के लिए किया।

ऐसे में कई लोगों के मन सवाल उठ रहा है कि आखिर यह छोटा- सा दिखने वाला जानलेवा ड्रोन कैसे काम करता है? इसकी तकनीकी ताकत, ऑपरेशन मेथड और क्यों इसे आधुनिक युद्ध में 'गेमचेंजर' क्यों माना जा रहा है। ऐसे ही कई सवालों के जवाब आज हम इस आर्टिकल में बता रहे हैं। आइए देखें...


क्या है हारोप ड्रोन (Harop Drones) ?

हारोप ड्रोन, इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के MBT मिसाइल डिवीजन द्वारा विकसित, एक मानवरहित हवाई वाहन (UAV) और मिसाइल का संयोजन है। यह 2.5 मीटर लंबा, 3 मीटर चौड़े पंखों वाला ड्रोन है, जो 23 किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह घंटों हवा में चक्कर लगा सकता है, लक्ष्य की तलाश कर सकता है और ऑपरेटर के आदेश पर आत्मघाती हमला करता है। इसे 'कमिकाज़ी ड्रोन' या 'सुसाइड ड्रोन' भी कहते हैं, क्योंकि यह लक्ष्य को नष्ट करने के लिए खुद को उड़ा देता है।

सुसाइड ड्रोन की ताकत और विशेषताएं

1. रेंज और गति: हारोप 200 किमी की दूरी तक 417 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। यह 6-7 घंटे तक हवा में रह सकता है।

2. सटीकता: इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, इन्फ्रारेड सेंसर और एंटी-रडार होमिंग सिस्टम से लैस हारोप दुश्मन के रडार, मिसाइल सिस्टम और सैन्य ठिकानों को सटीक निशाना बनाता है।

3. तकनीक: इसका रडार सिग्नेचर कम होता है, जिससे इसे पकड़ना मुश्किल है।

4. बेहद घातक: यह बंकर, टैंकर या अन्य सैन्य गाड़ी को नष्ट करने में सक्षम है। खास बात है कि अगर मिशन रद्द हो, तो इसे वापस बुलाया जा सकता है।

भारत ने 10 करोड़ में खरीदें 'सुसाइड ड्रोन'

भारत सरकार ने 'सुसाइड ड्रोन' की ताकत और खासियतों को देखते हुए अपनी वायु सेना को और अधिक मजबूत बनाने के लिए 2000 के दशक में इस ड्रोन में रूचि दिखाई। इसके बाद, वायु सेना ने साल 2009 में 100 मिलियन डॉल यानी करीब 10 करोड़ रुपए में इजराइल से खरीदा था। जिसे अधिकारिक तौर पर 2009 में एयरो इंडिया एयर शो के में पेश किया गया।