Chat GPT का कंटेंट कोर्ट में नहीं होगा मान्य, US जज ने दिया आदेश, जानें वजह

Chat GPT को लेकर अमेरिका से एक खबर सामने आई है, जिसमें एक न्यायाधीश ने अपने कोर्ट में AI जनरेटेड कंटेंट और डॉक्यूमेंट्स को लेने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कोई भी सामग्री लाई भी जाती है तो उसकी पुष्टि किसी इंसान द्वारा होनी चाहिए। आखिर एआई ने ऐसा क्या कर दिया जो न्यायाधीश को यह फैसला देना पड़ा।पूरे मामले को जानने के लिए खबर पढ़ें...;

Update:2023-05-31 08:54 IST
Chat GPT का कंटेंट कोर्ट में नहीं होगा मान्य, US जज ने दिया आदेश, जानें वजह
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Chat GPT News: चैट जीपीटी आने के बाद से ही विवादों में घिरा रहा है। इसकी कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। जहां एक तरफ कुछ लोग इसे फायदेमंद मानते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसका विरोध भी करते हैं और इसके दुष्प्रभावों को गिनाते हैं। अब ऐसा ही एक मामला अमेरिका से सामने आया है। जहां एक फेडरल जज ने वकीलों से स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अपने न्यायालय में एआई-जनित सामग्री की अनुमति नहीं देंगे।

टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, टेक्सास के संघीय न्यायाधीश ब्रेंटली स्टार ने कहा कि उनकी अदालत में पेश होने वाले किसी भी वकील को यह प्रमाणित करना होगा कि "फाइलिंग का कोई भी हिस्सा जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा तैयार नहीं किया गया हो, या अगर ऐसा किया गया है तो इसे "एक इंसान द्वारा" चेक किया गया हो। अदालत के समक्ष पेश होने वाले सभी वकीलों को डॉकेट पर एक प्रमाण पत्र दर्ज करना होगा।" अगर उन्होंने AI (जैसे कि चैटजीपीटी, हार्वे.एआई, या गूगल बार्ड) द्वारा इसे जनरेट किया है तो यह आवश्यक है कि उसकी पुष्टि किसी इंसान द्वारा या कानूनी डेटाबेस द्वारा सटीकता से की गई हो।

न्यायाधीश के अनुसार, ये एआई प्लेटफॉर्म अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली हैं और कानून में इसके कई उपयोग हैं। जैसे तलाक, खोज अनुरोध, दस्तावेजों में सुझाई गई त्रुटियां, मौखिक तर्क पर प्रत्याशित प्रश्न आदि। लेकिन कानूनी ब्रीफिंग उनमें से एक नहीं है। उसकी वजह यह है कि ये प्लेटफॉर्म मतिभ्रम और पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। मतिभ्रम पर वे चीजें जनरेट करते हैं यहां तक कि उद्धरण भी।

एक एयरलाइन पर मुकदमा करने वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील स्टीवन ए. श्वार्ट्ज ने एक हलफनामे में स्वीकार किया कि उन्होंने अपने शोध के लिए OpenAI के चैटबॉट का उपयोग किया था। वादी के वकीलों के लिए प्रतिबंधों पर विचार करते हुए न्यायाधीश ने एक सुनवाई निर्धारित की, जिसमें एआई से लिए गए उद्धरण और न्यायिक फैसले फर्जी थे। विरोधी वकील द्वारा गैर-मौजूद मामलों की ओर इशारा करने के बाद अमेरिकी जिला न्यायाधीश केविन कास्टेल ने इसकी पुष्टि की कि प्रस्तुत मामलों में से छह फर्जी न्यायिक फैसले प्रतीत होते हैं।"

पिछले महीने चैटजीपीटी ने एक शोध अध्ययन के हिस्से के रूप में कानूनी विद्वानों की सूची में अमेरिका में एक निर्दोष और अत्यधिक सम्मानित कानून प्रोफेसर का नाम गलत तरीके से नामित किया था। उन्हें छात्रों का यौन उत्पीड़न करने के मामले में दोषी दिखाया गया था। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में पब्लिक इंटरेस्ट लॉ के शापिरो चेयर जोनाथन टर्ली उस समय हैरान रह गए, जब उन्हें पता चला कि चैटजीपीटी ने उन्हें कानूनी विद्वानों पर एक शोध परियोजना के हिस्से के रूप में नामित किया था। इसमें उन्हें किसी का यौन उत्पीड़न करने का आरोपी बताया था। टर्ली ने एक ट्वीट में पोस्ट कर इस बात को सबके सामने रखा। उन्होंने कहा कि "चैटजीपीटी ने हाल ही में मुझ पर छात्रों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक झूठी कहानी जारी की है।"

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