Navratri 2024 Day 2 Shivvas Yog: आज नवरात्रि के दूसरे दिन बनेंगे ये 3 अद्भुत संयोग, जानें योग व मुहूर्त

Navratri 2024 Day 2 Shivvas Yog: नवरात्रि के दूसरे दिन शिववास योग समेत अन्य दो योग बन रहे हैं। माना जा रहा है कि इन योगों के बनने से यह दिन अति शुभ हो गया है। तो आइए इन योगों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Updated On 2024-10-04 08:25:00 IST
Shardiya Navratri 2024

Navratri 2024 Day 2 Shivvas Yog: आज यानी 3 अक्टूबर से ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान माता के सभी 9 रूपों की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दुसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि-विधान से की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के लिए व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भक्त मां दुर्गा की महिमा पाने के लिए कई तरह के उपाय भी करते हैं।

कहा जाता है कि माता की कृपा से साधक को जीवन की सारी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं। साथ ही जीवन व्याप्त दुख व संकट से दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्रि के दूसरे दिन यानी 4 अक्टूबर को दुर्लभ शिववास योग समेत अन्य मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योगों में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। तो आइए उन संयोगों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नवरात्रि के दूसरे दिन शुभ मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की द्वितीय तिथि कल यानी 4 अक्टूबर को रात 2 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो  होगी। साथ ही, इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 5 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर होगी। इसके बाद तृतीया तिथि यानी नवरात्री का तीसरा दिन शुरू होगा।

कब बनेगा शिववास योग

ज्योतिषियों के अनुसार, 4 अक्टूबर दिन शुक्रवार को दुर्लभ शिववास योग बनने जा रहा है। माना जा रहा है कि नवरात्रि के दूसरे दिन शिववास योग का संयोग दिनभर रहेगा। शिववास योग की समाप्ति 5 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर होगा। माना जाता है कि इस योग में माता की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

करण योग

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन शिववास योग के अलावा बालव और कौलव करण योग का संयोग रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योगों के संयोगों को बहुत ही शुभ माना गया है। इन दोनों योगों के साथ इस दिन चित्रा नक्षत्र का भी संयोग बनेगा। मान्यता है कि इन शुभ मुहूर्त में माता की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी साबित होगा। इस दौरान मांगी गई सारी मनोकामनाएं अवश्य पूरी हो सकती है।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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