Parsi Dharm me Antim Sanskar: अनोखा है पारसी धर्म में अंतिम संस्कार का तरीका, जानकर रह जाएंगे हैरान

पारसी समुदाय में व्यक्ति की मौत के बाद उसके अंतिम संस्‍कार का तरीका काफी अनोखा होता है। पारसी धर्म में अंतिम संस्कार का रिवाज दूसरे धर्मों से बिल्कुल अलग है, इसमें शव को

By :  Desk
Updated On 2024-06-02 21:38:00 IST
पारसी धर्म में अंतिम संस्कार की विधि को 'दोखमेनाशिनी' कहा जाता है।

Parsi Community Funeral: विभिन्न धर्मों में जन्म से लेकर मृत्यु तक के अलग-अलग रीति-रिवाज देखने को मिलते है। सनातन धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके शव को जलाया जाता है। वहीं मुस्लिम धर्म में शव को दफ़नाने का रिवाज है। लेकिन क्या आप जानते है भारत में रहने वाले एक विशेष धर्म के लोग अंतिम संस्कार के लिए न तो शव को जलाते है और न ही दफनाते है। यह है पारसी धर्म, जिसमें अंतिम संस्‍कार करने का तरीका काफी अलग है। 

न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर की कुल आबादी में पारसी समुदाय के लोग काफी कम है। इनमें से सबसे अधिक पारसी लोग भारत में ही निवास करते है। एक रिकॉर्ड के मुताबिक करीब 1 लाख के आसपास पारसी लोग भारत में निवास करते है। भले ही इनकी आबादी कम है, लेकिन यह देश में उच्च पदों पर आसीन है। इसमें मशहूर उद्योगपति रतन टाटा, अभिनेता बोमन ईरानी, ज्योतिषी बेजान दारुवाला और उनका परिवार जैसे कई बड़े उदारहण सामने है। 

आकाश के सुपुर्द होता है शव 

पारसी समुदाय में व्यक्ति की मौत के बाद उसके अंतिम संस्‍कार का तरीका काफी अनोखा होता है। पारसी धर्म में अंतिम संस्कार का रिवाज दूसरे धर्मों से बिल्कुल अलग है, इसमें शव को आकाश के सुपुर्द कर दिया जाता है। पारसी धर्म में अंतिम संस्कार की इस विधि को 'दोखमेनाशिनी' कहा जाता है। 

शव को गिद्ध बनाते है अपना भोजन 

अंतिम संस्कार की दोखमेनाशिनी विधि में मृत व्यक्ति के शव को 'टावर ऑफ साइलेंस' में ले जाकर छोड़ दिया जाता है। इसे 'दखमा' के नाम से जाना जाता है। मुंबई में टॉवर ऑफ साइलेंस मौजूद है, जोकि गोलाकार और बेहद ऊंचा ढांचा होता है। इसकी छोटी यानी शिखर पर शव को रख दिया जाता है। इसके पश्चात शव को गिद्ध अपना आहार बना लेते है। इस विधि के पीछे तर्क है कि, अग्नि, जल, वायु या जमीन में प्रदूषण न हो इसलिए इस तरह अंतिम संस्कार होता है। 

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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