Chanakya Niti: नरक और स्वर्ग के दुःख-सुख भोगकर धरती पर जन्म लेते है लोग, जानें कैसा होता है स्वभाव

आचार्य चाणक्य की नीतियों में से आज उस नीति के बारे में जानेंगे जोकि उन व्यक्तियों के बारे में बताती है, जो नरक के दुःख भोगकर धरती पर जन्म लेते है। चाणक्य नीतियों में बताय

By :  Desk
Updated On 2024-04-18 18:34:00 IST
चाणक्य नीति अनुसार सातवें अध्याय के 16 वें श्लोक में गुणी व्यक्ति की पहचान के बारे में बताया गया है।

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य की बनाई हुई नीतियां आज भी दुनिया को एक नई दिशा दिखा रही है। चाणक्य भारत के सबसे महान विद्वान, अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और मार्गदर्शक माने जाते है। भले ही आज यह महान विभूति हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है, लेकिन इनके द्वारा बनाई गई नीतियां आज भी प्रासंगिक है। आचार्य चाणक्‍य की नीतियों की पालना करने से व्यक्ति को न सिर्फ जीवन में सफलता मिलती है बल्कि एक अनोखी ऊर्जा भी प्राप्त होती है। आज हम  चाणक्‍य नीति में बताई गई कुछ ऐसी ही अहम बातों के बारे में बता रहे है, जो इंसान को मूल्यवान और धनवान बना सकती है।

आचार्य चाणक्य की नीतियों में से आज उस नीति के बारे में जानेंगे जोकि उन व्यक्तियों के बारे में बताती है, जो नरक के दुःख भोगकर धरती पर जन्म लेते है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि, कई व्यक्ति नरक से दुख भोगकर धरती पर जन्म लेते हैं, यह सब उनकी बुरी आदतों की वजह से होता है। 

गुणी व्यक्ति की ऐसे करें पहचान

चाणक्य नीति अनुसार सातवें अध्याय के 16 वें श्लोक में गुणी व्यक्ति की पहचान के बारे में बताया गया है। चाणक्य नीति में व्यक्ति के गुणों और अवगुणों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया है। चलिए जानते है वो कौनसे गुण है, जिनके जरिये स्वर्ग का सुख भोग कर धरती पर जन्म लेने वाले व्यक्ति पहचान हो सकती है। 

 स्वर्ग से जन्में लोगों के गुण-

आचार्य चाणक्य बताते है कि, स्वर्ग से सुख भोगकर धरती पर जन्म लेने वाले लोगों की वाणी बेहद मधुर होती है। ऐसे लोग दान पुण्य को ही धर्म समझते है। ये लोग ईश्वर की उपासना और आराधना में लगे रहते है। इसके अलावा ऐसे लोग ब्राह्मण को दान करने में पूरा यकीन रखते है। 

नरक के दुःख भोग जन्मे लोग- 

चाणक्य नीति के अनुसार नरक का दुख भोग कर धरती पर जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव काफी अलग होता है। इन लोगों की वाणी में कड़वाहट होती है। इस तरह के लोग नीच संगत में रहना पसंद करते है। ऐसे लोग गरीब होने के साथ-साथ परिवार-मित्रों के विरोधी होते है। जीवन में ये दुखी रहते है। 

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