Chanakya Niti For Happy Home: जानिए चाणक्य किन घरों को मानते है शमशान बराबर, जहां मुर्दे जैसी होती है जिंदगी

चाणक्य बताते है कि, जिन घरों में कभी कोई शुभ कार्य नहीं होते है अथवा वेद आदि शास्त्रों का पाठ न होता हो, वे घर भी शमसान बराबर ही होते है। चाणक्य नीति कहती है, शास्त्रों

By :  Desk
Updated On 2024-04-05 21:20:00 IST
चाणक्य नीति कहती है, शास्त्रों के मंत्र जिन घरों में गूंजते है, वे घर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहते है।

Chanakya Niti For Happy Home: आचार्य चाणक्य की नीतियां हर व्यक्ति को अपने जीवन में उतारनी चाहिए। चाणक्य नीति में परिवार की खुशहाली के लिए कुछ बातें बताई गई है, जिन्हें अपनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। लेकिन कई नीतियों में चाणक्य ने ऐसे घरों को उल्लेखित किया है, जहां कभी भी खुशहाली नहीं आती है। आचार्य चाणक्य ने ऐसे घरों को शमशान की उपाधि दी है और ऐसे घरों में रहने वाले लोगों को मुर्दा समान कहा है। 

अच्छे घरों के बारे में चाणक्य नीति 

आचार्य चाणक्य बताते है कि, ऐसे घर-परिवार जहां कोई भी अच्छे अथवा सकारात्मक कार्य नहीं होते है, वहां कभी भी खुशहाली नहीं आती है। चाणक्य कहते है, जिन घरों में ब्राह्मण के पैर न पड़े हो और उनकी धूल घर की चौखट पर न लगी हो, उन घरों को घर नहीं बल्कि शमशान कहा जाना चाहिए। 

चाणक्य नीति के अनुसार, जिन घरों में स्वाहा और स्वधा शब्द का उच्चारण नहीं हुआ हो, वे घर भी शमशान के बराबर ही होते है। इस बात से आशय है कि, हर घर की शुद्धि के लिए हवन होना आवश्यक होता है। ऐसे में जिन घरों में शुद्धिकरण हेतु हवन कभी न हुआ हो, वहां सकारात्मक ऊर्जा वास नहीं करती है। 

चाणक्य बताते है कि, जिन घरों में कभी कोई शुभ कार्य नहीं होते है अथवा वेद आदि शास्त्रों का पाठ न होता हो, वे घर भी शमसान बराबर ही होते है। चाणक्य नीति कहती है, शास्त्रों के मंत्र जिन घरों में गूंजते है, वे घर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहते है। ऐसे घरों में रहने वाले लोग भी सदा खुश रहते है। 
 

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